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लद्दाख के बाद अब अरुणाचल प्रदेश में दिखेगा भारतीय सेना का जोश, उड़ जाएंगे दुश्मन के होश

नई दिल्ली। भारतीय सेना (Indian Army) ने लद्दाख में हजारों फीट की उंचाई पर चीन से लगती हुई सीमा पर एक बड़ा सैन्य अभ्यास किया है. इस सैन्य अभ्यास (war exercise) में थल सेना के साथ वायुसेना (Air Force) भी शामिल रही. इस सैन्य अभ्यास से हमारी सेना ने पूरी दुनिया तक यह पैगाम पहुंचा दिया है कि भारतीय सेना जमीन से लेकर आसमान तक दुश्मन का जवाब देने के पूरी तरह तैयार है. यह युद्धाभ्यास पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) दोनों की नींद उड़ा सकता है.

चीन बॉर्डर पर भारतीय सेना अक्टूबर में बड़ा युद्धाभ्यास करेगी
लद्दाख में इस सफल युद्धाभ्यास के बाद अब अगले महीने यानी अक्टूबर (october) में अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में भारतीय थल सेना की माउंटेन कोर और वायुसेना चीन सीमा के नजदीक एक बड़ा युद्धाभ्यास (war exercise) करने जा रही है. ‘हिम विजय’ (Him Vijay) नाम के इस युद्धाभ्यास के जरिए भारत बुरी नजर रखने वालों को बहुत साफ संदेश दे रहा है कि जो हमसे टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा. भारतीय सेना (Indian Army) का यह युद्धाभ्यास तेजपुर (Tezpur) के 4 कॉर्प्स के जवानों द्वारा किया जाना है लेकिन इसके लिए पानागढ़ (Panagarh) से माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स (mountain strike corps) के जवान लाए जाएंगे. गौरतलब है कि 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स का हाल ही में गठन किया गया है.

जवानों को किया जाएगा एयरलिफ्ट 

बताया जा रहा है कि ऑपरेशन ‘हिम विजय’ (Him Vijay) में शामिल होने के लिए माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स के जवानों (troops) को एयरलिफ्ट (air lift) कर ले जाया जाएगा. जवानों को एयरलिफ्ट करने के लिए एयरफोर्स (Air force) की मदद ली जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि इस युद्धाभ्यास में शामिल करने के लिए जवानों को एयरलिफ्ट (air lift) करने के लिए वायुसेना (Air force) के नवीनतम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-17, सी-130जे सुपर हरक्युलस और एएन-32 का इस्तेमाल किया जा सकता है.

चीन सीमा के नजदीक पहली बार हो रहा है ऐसा युद्धभ्यास
जानकारी के मुताबिक इस युद्धाभ्यास (war exercise) में करीब 15000 जवान (Troops) हिस्सा लेंगे. यह युद्धाभ्यास अक्टूबर (October) महीने में किए जाने की तैयारी है. आपको बता दें कि देश के पूर्वी मोर्चे पर चीन सीमा (Chinese border) के नजदीक इस तरह का युद्धाभ्यास (war exercise) पहली बार हो रहा है. इसकी तैयारी पूर्वी कमांड पिछले पांच-छह महीने से कर रही थी.

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