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INDvsSA: दक्षिण अफ्रीका पर भारी पड़ रही अपने ही कप्तानी की गलती? क्या पुणे में बदलेगी किस्मत

क्रिकेट उन खेलों में से एक है, जिसमें कप्तान की भूमिका बेहद अहम होती है. अगर कप्तान टीम का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी है, तब तो इसका महत्व और बढ़ जाता है. भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) इस बात को बखूबी समझते हैं और वे अक्सर टीम को फ्रंट से लीड करते नजर आते हैं. लगता है कि दक्षिण अफ्रीकी कप्तान फाफ डू प्लेसिस (Faf du Plessis) इस मामले में गलती कर रहे हैं. दक्षिण अफ्रीकी टीम टेस्ट सीरीज में पहला मैच हारकर 0-1 से पीछे है. दूसरा टेस्ट मैच गुरुवार से खेला जाना है.

भारत ने दक्षिण अफ्रीका को पहले टेस्ट मैच में 203 रन से हराया. फाफ डू प्लेसिस इस मैच में पहली पारी में छठे और दूसरी पारी में पांचवें नंबर पर बैटिंग करने आए. यही वो बात है, जिसको लेकर डू प्लेसिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं. फाफ अपनी टीम के सिर्फ कप्तान ही नहीं, बल्कि सबसे अनुभवी खिलाड़ी भी हैं. यह भी माना जाता है कि वे दक्षिण अफ्रीका की मौजूदा टीम में स्पिन खेलने वाले सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं.

इतनी खूबियों के बावजूद कप्तान का बैटिंग क्रम में नीचे आना दक्षिण अफ्रीका को कमजोर कर रहा है. मेहमान टीम ने पहले टेस्ट मैच में तीसरे क्रम पर थियूनिस डि ब्रुईन (Theunis de Bruyn) और चौथे क्रम पर तेम्बा बवूमा (Temba Bavuma) को उतारा. भारतीय पिचों पर जहां स्पिनर जल्दी असर दिखाने लगते हैं, वहां अनुभवी बल्लेबाज का बाद में आना रणनीतिक तौर पर गलती मानी जा रही है.

यहां हम फाफ डू प्लेसिस, थियूनिस डि ब्रुईन और तेम्बा बवूमा की तुलना नहीं कर रहे हैं. डू प्लेसिस बाकी दो खिलाड़ियों से ज्यादा अनुभवी हैं. ज्यादा खेल चुके हैं. आंकड़ों में बेहतर नजर आते हैं. संभव है कि कुछ साल बाद थियूनिस डि ब्रुईन और तेम्बा बवूमा के आंकड़े भी डू प्लेसिस के बराबर या बेहतर हों. इसलिए इसकी तुलना नहीं होनी चाहिए.

फाफ डू प्लेसिस ने 2012 में अपने करियर की शुरुआत छठे नंबर से की थी. उस समय हाशिम अमला और एबी डिविलियर्स टॉप ऑर्डर में होते थे. तब डू प्लेसिस का नीचे खेलना समझ में आता था. अब हालात बदल गए हैं. दक्षिण अफ्रीकी टीम युवा है. ऐसे में कप्तान को चाहिए कि वे तीसरे क्रम पर बैटिंग करें, ताकि टीम पर जल्दी दबाव पड़ने से रोका जा सके. डू प्लेसिस शायद अलग ढंग से सोचते हैं.

फाफ ने विशाखापत्तम टेस्ट मैच के दौरान बताया था, ‘मैं नंबर-5 पर बैटिंग कर रहा हूं. यह वो नंबर है, जिसे शुरुआत भी माना जा सकता है. दरअसल, इस नंबर के खिलाड़ी को जहां टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज के साथ खेलना होता है, वहीं निचले क्रम का साथ भी मिलता है. अगर टीम जल्दी-जल्दी तीन विकेट गंवा दे तो नंबर-5 या नंबर-6 के बल्लेबाज की जिम्मेदारी होती है कि वह निचलेक्रम के साथ अच्छी बैटिंग कर टीम को दबाव से निकाले.’

बता दें कि फाफ डू प्लेसिस का औसत नंबर-3 से लेकर नंबर-5 तक 40 और 45 के बीच है. उन्होंने नंबर-3 पर 40.83 की औसत ने 490 रन बनाए हैं. नंबर-4 पर उनका औसत 42.00 है. इसी तरह उन्होंने नंबर-5 पर 43.75 की औसत से 1969 रन बनाए हैं. यानी, वे टॉपऑर्डर में लगभग हर नंबर पर अच्छा खेलने की क्षमता रखते हैं. अब देखना यह है कि वे भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट में पांचवें नंबर पर ही बैटिंग करते हैं या खुद को प्रमोट कर तीसरे नंबर पर आते हैं.

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