टीम इंडिया जब हैमिल्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ (India vs New Zealand) टी20 मैच खेल रही तब आखिरी ओवर से पहले शायद ही किसी ने सोचा था कि मैच का यह नतीजा होगा. आखिरी ओवर में विलियम्सन और टेलर के क्रीज पर रहते टीम को केवल 9 रन जीत के लिए चाहिए थे. लेकिन फिर मैच टाई हुआ और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने मैच न्यूजीलैंड से छीन लिया. इस मैच में कई ऐसी वजहें रहीं जो टीम इंडिया की जीत की वजह बनीं
1. मोहम्मद शमी का शानदार प्रदर्शन
इस मैच में टीम इंडिया के दिए 180 रन के टारगेट का न्यूजीलैंड ने शानदार पीछा किया, और विलियम्सन ने खास तौर पर बुमराह सहित सभी गेंदबाजों की खूब खबर ली, लेकिन आखिरी ओवर में मोहम्मद शमी ने सौ सुनार की एक लुहार की कहावत को चरितार्थ कर अंतिम पांच गेंदों में न्यूजीलैंड को जीत के लिए जरूरी 4 रन बनाने नहीं दिए. इस दौरान उन्होंने विलियम्सन का विकेट लेने के बाद आखिरी गेंद पर रॉस टेलर का विकेट लेकर मैच टाई कर दिया.
2. रोहित शर्मा की सुपर ओवर में शानदार बैटिंग
सुपर ओवर में टीम इंडिया को जीत के लिए 18 रन चाहिए थे. पहली चार गेंदों में टीम इंडिया के केवल 8 रन बन सके थे. क्रीज पर अब रोहित थे और सामने टिम साउदी. रोहित ने पहले पांचवी गेंद पर लॉन्ग ऑन पर बहुत ही ऊंचा छ्क्का लगाया और फिर उसके बाद लॉन्ग ऑफ पर छक्का लगा कर मैच टीम इंडिया के नाम कर दिया.
3. विराट कोहली का कप्तानी आत्मविश्वास
मैच के बाद विराट कोहली ने खुद माना कि एक समय उन्हें भी लगा था कि उन्होंने मैच गंवा दिया है. लेकिन विराट कोहली की अंत तक लड़ने का जज्बा इस मैच में रंग लाया. विराट ने विपरीत परिस्थितियों में अपने गेंदबाजों पर भरोसा बनाए रखा. बुमराह के पारी में सफल न होने पर भी सुपर ओवर में उन पर भरोसा कायम रखना और आखिरी ओवर में शमी पर भरोसा रखना विराट को उम्मीद से ज्यादा नतीजे दे गया.
4. रवींद्र जडेजा की शानदार गेंदबाजी
एक बार फिर रवींद्र जडेजा टीम इंडिया के बेहतरीन गेंदबाज बन कर सामने आए. उन्होंने 4 ओवर में एक विकेट लेकर 23 रन दिए. उनका एक बार फिर मैच का बेस्ट रहा. उन्होंने अपने आखिरी ओवर में 14 रन दिए जिसमें विलियम्सन के दो छक्के शामिल थे. जडेजा के ओवरों के दबाव से ही न्यूजीलैंड को मैच में बने रहने के लिए अंत तक जोर लगाना पड़ा.
5. न्यूजीलैंड टीम की कप्तान पर ज्यादा निर्भरता
अगर सुपर ओवर को छोड़ दिया जाए तो मैच के हीरो बेशक केन विलियम्सन रहे, लेकिन टीम अंत में केवल विलियम्सन पर ही निर्भर दिखी. विलियम्सन को दूसरे छोर पर साथ भी नहीं मिला. यही वजह रही कि विलियम्सन के जाते ही टीम इंडिया और शमी का आत्मविश्वास लौट आया और उसका नतीजा भी निकला.