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दिल्ली चुनाव में ‘0’ से आगे नहीं बढ़ी कांग्रेस, अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उठाए ये सवाल

नई दिल्ली। दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता संभालने वाली कांग्रेस को 2015 की ही तरह इस बार भी एक भी सीट नहीं मिली है. इसको लेकर पार्टी में सिर-फुटौव्वल शुरू हो गई है. हार को लेकर पार्टी के नेता एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं तो कभी रणनीति को लेकर सवाल उठा रहे हैं. गुरुवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने दिल्ली की हार को पार्टी के लिए निराशाजनक बताया है.

मध्य प्रदेश के पृथ्वीपुर पहुंचे सिंधिया ने कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर कहा, ”यह हमारी पार्टी के लिए बहुत निराशाजनक है. एक नई विचारधारा और एक नई कार्यप्रणाली की तत्काल जरूरत है. देश बदल गया है, इसलिए हमें देश के लोगों के साथ नए तरीके से सोचने और जुड़ने का विकल्प चुनना होगा.”

बता दें कि विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद दिल्ली कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने इस हार की जिम्मेदारी ली थी.

पीसी चाको का इस्तीफा
उधर, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रहे पीसी चाको ने दिल्ली में कांग्रेस की हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जिम्मेदार ठहरा दिया. विवाद बढ़ता देख पीसी चाको ने पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए दिल्ली के प्रदेश प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया. उनका इस्तीफा भी पार्टी ने स्वीकार कर लिया है.

शीला दीक्षित पर आरोप
चाको ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, “कांग्रेस पार्टी का पतन 2013 में शुरू हुआ था, जब शीला जी मुख्यमंत्री थीं. नई पार्टी AAP ने कांग्रेस का समूचा वोट बैंक कब्जा लिया. हम उसे कभी वापस हासिल नहीं कर सके. वह आज भी AAP के ही पास है.”

देवड़ा ने चाको को लताड़ा
15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं दिवंगत शीला दीक्षित पर आरोप लगाने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने चाको पर भी हमला बोल दिया. कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा समेत कई नेताओं ने चाको के बयान को आपत्तिजनक बताया है.

देवड़ा का Tweet
देवड़ा ने अपने ट्वीट में लिखा, “शीला दीक्षित जी असाधारण राजनीतिज्ञ और प्रशासक थीं. मुख्यमंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान दिल्ली में कहीं ज्यादा बदलाव हुए. कांग्रेस भी बहुत मजबूत हुई. उनकी मौत के बाद उनको हार के लिए दोषी ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण है. उनकी पूरी जिंदगी कांग्रेस और दिल्ली के लोगों को समर्पित रही.”

शर्मिष्ठा मुखर्जी का सवाल
इससे पहले, शर्मनाक हार से निराश दिल्ली कांग्रेस की नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूछा, क्या कांग्रेस ने बीजेपी को हराने का ठेका दूसरी पार्टियों को दिया है. कांग्रेस में जारी इस संग्राम के बीच कांग्रेस नेताओं का कहना है कि चुनाव में उनकी दुर्गति इसलिए हुई क्योंकि वह अपनी बात लोगों तक ठीक तरीके से नहीं पहंचा पाए.”

AAP की जीत
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल की है. आम आदमी पार्टी को 70 में से 62 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई है. पिछली विधानसभा में आम आदमी पार्टी 70 में से 67 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इस बार 8 विधानसभा सीटें जीती हैं. पिछली विधानसभा में बीजेपी के चार विधायक थे. कांग्रेस पार्टी पिछली बार की तरह इस बार भी अपना खाता खोलने में नाकाम रही. कांग्रेस का कोई उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका. इसके साथ ही कांग्रेस को मिलने वाले वोटों के प्रतिशत में भी भारी कमी दर्ज की गई है.

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