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Delhi Violence: कोई लेने निकला था दूध, कोई घर के लिए खाना…लेकिन लौट के घर ना आए

नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में फैली हिंसा (Delhi Violence) में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने मौजपुर, बाबरपुर, ब्रह्मपुरी, खजूरी खास, गोकुलपुरी, जाफराबाद आदि इलाकों में रैपिड एक्श्न फोर्स तैनात की गई. उत्तर पूर्वी दिल्ली में एक महीने (24 फरवरी से 24 मार्च) के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है.

इस हिंसा में 26 साल के राहुल सोलंकी की भी मौत हो गई. राहुल शिव विहार की पुलिया पर उपद्रवियों की हिंसा का शिकार बने. राहुल दूध लेने के लिए घर से निकले थे. राहुल के पिता का आरोप है कि लगातार पुलिस को कॉल करने पर भी उन्हें मदद नहीं मिली. वो घायल राहुल को लेकर अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की.

राहुल सोलंकी 26 साल

उधर 28 साल के शाहिद के परिवार वालों का कहना है कि उनका बेटा घटना के वक्त कारखाने से लौट रहा था, उसे चांद बाग में गोली लगी थी. उपद्रवियों ने शाहिद के पेट में गोली मारी. अब शाहिद के परिवार की सरकार से मांग है कि जल्द ही इलाके में शांति बहाल हो. परिवार के लोगों का कहना है कि इस हिंसा की वजह से उनके घर का चिराग बुझ गया. इस समय शाहिद की पत्नी गर्भवती है.

शाहिद, 28 साल

ऐसा ही कुछ दर्द 32 साल के फुरकान के परिवार वालों का भी है. 32 साल के फुरकान करदमपुरी में हिंसा के शिकार हुए. घरवालों का कहना है कि फुरकान घर से खाना लेने के लिए निकले थे. इसी दौरान उन्हें गोली लग गई. फुरकान के परिवार का कहना है कि पूर्व विधायक कपिल मिश्रा के भाषण के बाद ही हिंसा हुई. नेताओं के घर के बच्चे नहीं, हमारे घर के बच्चे इस घटना में मृत हुए है.

फुरकान, 32 साल
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