पुराने गानों का रिमिक्स तैयार करने पर मूल लेखक और संगीतकारों को श्रेय नहीं देने से जाने-माने गीतकार समीर अंजान (Lyricist Sameer) खफा हैं. उनका कहना है कि इस कृत्य को सिर्फ अदालत के जरिए ही दुरूस्त कराया जा सकता है.
फिल्म उद्योग में करीब 30 साल से काम कर रहे समीर ने वरिष्ठ पटकथा लेखक एवं गीतकार जावेद अख्तर से भी इस बारे में बात की है. अख्तर इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी (आईपीआरएस) के प्रमुख हैं.
समीर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ” जो हो रहा है, ठीक नहीं हैं. हम इसके पूरी तरह से खिलाफ हैं और हम इसके खिलाफ लड़ने के लिए अदालत जाने की योजना बना रहे हैं. हमने उन्हें (संगीत कंपनियों)एक खास फिल्म के लिए अधिकार दिया है, लेकिन वे इसका रीमिक्स तैयार कर रही हैं, गानों का अलग-अलग फिल्मों में इस्तेमाल कर रही हैं.”
उन्होंने कहा, ” मैंने जावेद अख्तर से बात की है, क्योंकि वह आईपीआरएस के प्रमुख हैं और हम सब अदालत जाने पर विचार कर रहे हैं. सिर्फ यही हल है, अन्यथा वे इसे नहीं रोकेंगे.”
समीर के “दिलबर दिलबर” गाने को भूषण कुमार की अगुवाई वाली टी सीरीज़ ने जॉन अब्राहम की 2019 में आई फिल्म ” बटला हाउस” में पुनः निर्मित किया.
समीर ने कहा, ” उन्होंने शब्बीर अहमद को इसका श्रेय दिया, जिन्होंने शुरू की सिर्फ दो पंक्तियां लिखी हैं. बाकी सारा मेरा मूल काम था. भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को कैसे मालूम चलेगा कि इसका मूल लेखक कौन है?”
उन्होंने कहा, ” रिमिक्स करने वाली टीम में शामिल अधिकतर लेखक नए काम का मंच पर और यहां तक कि पुरस्कार वितरण समारोह में खुल्लम-खुल्ला श्रेय लेते हैं. वे ऐसा कैसे कर सकते हैं?”
गीतकार ने कहा कि संगीत कंपनियां उन्हें एक रुपया भी नहीं देती हैं. यह अनैतिक है.