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चीन की मक्कारी का सैटेलाइट सबूत, LAC के पास तैनात किए 1000 सैनिक

नई दिल्ली। भारत और चीन के सैनिक लद्दाख में सीमा पर कई जगहों पर आमने सामने हैं और दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत से गतिरोध का कोई हल नहीं निकल सका है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ऐसी स्थिति में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनावपूर्ण लंबी खींचतान के लिए तैयार है. दोनों देशों ने सैनिकों की तैनाती को बढ़ाया है. दोनों पक्षों की ओर से एक-एक हजार से अधिक सैनिक बहुत कम फासले पर मौजूद हैं.

सैटेलाइट से तस्वीरें

यूरोपियन स्पेस एजेंसी की ओर से ली गई सैटेलाइट तस्वीरें लद्दाख में पैंगोंग झील के पास ITBP कैम्प के सामने चीनी सैनिकों के बिल्ड-अप की पुष्टि करती है. पिछले एक महीने की तस्वीरों से तुलना की जाए तो इस अवधि में LAC के दूसरी ओर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के मूवमेंट का पता चलता है. 24 मई की तस्वीरों का विश्लेषण ITBP शिविर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर छोटी नावों के इस्तेमाल के जरिए चीनी सैनिकों के संभावित मूवमेंट को दिखाता है.

तस्वीरों का ऐतिहासिक विश्लेषण बताता है कि सीमा के इस तरफ भारतीय हिस्से में ITBP का कई साल से स्थायी कैम्प है. ये तस्वीरें LAC से लगभग 2.5 किलोमीटर की दूरी पर चीनी सैनिको की उपस्थिति का संकेत देती हैं. ये उपस्थिति मई 2020 के पहले हफ्ते में ली गई तस्वीरों में नहीं दिख रही थी.

china1_052520082947.png4 मई और 24 मई, 2020 की तस्वीरों की तुलना (सोर्स: यूरोपियन स्पेस एजेंसी)

china2_052520083122.pngअप्रैल और मई 2020 के बीच ITBP कैंप. तस्वीरें LAC के दूसरी तरफ झील में छोटी नावों से संभावित मूवमेंट के संकेत भी देती हैं. (सोर्स: यूरोपियन स्पेस एजेंसी)

china3_052520083205.png24 अप्रैल और 24 मई की LAC पर झील की दोनों तरफ की तस्वीरों की तुलना (सोर्स: यूरोपियन स्पेस एजेंसी)

ये तस्वीरें पुष्टि करती हैं कि चीनी बिल्ड अप 5 मई को झड़प के तत्काल बाद हुआ.

china4_052520083303.pngतस्वीरों में दिखता झील का पूरा इलाका और LAC के दोनों तरफ के पक्ष (सोर्स: यूरोपियन स्पेस एजेंसी)

चीनी घुसपैठ

ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि चीनियों ने भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कीं, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोक दिया. पूर्वी लद्दाख में 5 मई को सैनिकों के आमने सामने के बाद 6 मई की सुबह तक ये स्थिति बनी रही थी.

मिलिट्री हॉटस्पॉट्स

गलवान घाटी और पैंगॉन्ग झील के आस पास के इलाके हॉटस्पॉट बने हुए हैं, जहां तनाव जारी है और इसके घटने के कोई संकेत नहीं है. सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग त्सो सेक्टर और गलवान घाटी क्षेत्र में बारीकी से नजर रखी जा रही है, जहां चीन ने सैनिकों की तैनाती हाल में बढ़ा दी है.

सूत्रों के मुताबिक तनाव के बीच चीनियों ने पैंगोंग झील के किनारे गश्त भी बढ़ा दी है और नावों की संख्या बढ़ा दी है. पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील विवादित है और अक्सर एक फ्लैशप्वाइंट रही है. भारत की तरफ से अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर चीन को आपत्ति थी और इस वजह से आमने-सामने आ गए.

सूत्रों के मुताबिक पैंगोंग त्सो जो बेहद संवेदनशील है, उसके अलावा हालिया तनाव में जो इलाके विस्फोटक बने हुए हैं वो लद्दाख में ट्रिग हाइट्स, डेमचोक और चुमार हैं. ये भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर को दर्शाते हैं. अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में कई अन्य संवेदनशील स्थान हैं जो पूर्वी सेक्टर में आते हैं. हालांकि, आधिकारिक तौर पर सेना ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो में कोई जारी फेस-ऑफ़ नहीं है और इस क्षेत्र में सशस्त्र सैनिकों का कोई बिल्ड-अप नहीं है.

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