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दिल्ली के अस्पताल में लावारिस हालत में पड़े शवों के बीच चल रहा कोरोना मरीजों का इलाज, भाजपा नेता ने दिखाई हकीकत

नई दिल्ली। दिल्ली के एक अस्पताल से एक बार फिर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का मामला सामने आया है, जहाँ शवों के पास ही कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है और कई मरीजों को कोरोना का इलाज भी नहीं मिल रहा है।

वीडियो को भाजपा नेता नंदिनी शर्मा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। वीडियो में दिखाई दे रहा एक शख्स जानकारी दे रहा है कि अस्पताल में शवों को घंटों तक ऐसे ही पड़े हुए छोड़ दिया जा रहा है। इतना ही नहीं इस दौरान शवों के पास में ही कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर आए इस वीडियो ने केजरीवाल सरकार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वीडियो में एक शख्स ने कहा, अस्पताल में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों के शवों को अस्पताल में इलाज करा रहे रोगियों के बगल में ही पड़े हुए छोड़ दिया गया है। इस दौरान उसने बताया कि मेरी भाभी का शव सुबह 9 बजे से यहाँ पड़ा हुआ है। उन्होंने अस्पताल में कोरोना वार्ड के सामने अंतिम साँस ली।

अस्पताल से सभी अनुमति लेने के बावजूद भी उन्हें अस्पताल में कोई इलाज नहीं मिला, जबकि वह कोरोना वार्ड के बाहर करीब एक घंटे मौजूद रहीं। वह एक घंटे तक इसलिए बची रहीं, क्योंकि हमने उसे एम्बुलेंस की ऑक्सीजन मशीन लगा दी थी।

उक्त व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसकी भाभी को कोरोनो वायरस से मरे 5 घंटे से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी डेड बॉडी को कवर नहीं किया गया है। व्यक्ति ने अफसोस जताया कि उसके परिवार को उसकी भाभी को अस्पताल में भर्ती कराने के कई बार इधर से उधर चक्कर लगाने पड़े।

इससे पहले भी भाभी को भर्ती कराने के लिए कई अस्पतालों में गए, लेकिन सभी ने कोरोनो वायरस की रिपोर्ट आने तक भर्ती करने से इंकार कर दिया। व्यक्ति ने बताया कि हम गंगा राम अस्पताल गए। इससे पहले हम बी एल कपूर अस्पताल गए। उसके बाद हम आरएमएल गए, उसके बाद हम संजीवनी अस्पताल गए और आखिर में फिर हम इस अस्पताल में आए।

यहाँ भी कहा गया कि जब तक कोरोनो वायरस की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब हम भर्ती नहीं कर सकते, जबकि कल रात जो 9 बजे हमने कोरोना का परीक्षण कराया था उसकी रिपोर्ट आज रात 9 बजे तक आएगी। यानि कि कोरोना की रिपोर्ट आने में 24 घंटे लगते हैं। इस पर अस्पताल वालों ने कहा कि जब तक मरीज की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव नहीं आ जाती तब तक हम भर्ती नहीं कर सकते।

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