Saturday , November 23 2024

शहीद कर्नल संतोष बाबू की पत्नी को CM चंद्रशेखर राव ने सौंपा 5 करोड़ का चेक और जमीन, मिलेगी ग्रुप-1 की सरकारी नौकरी

हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने आज गलवान वैली में चीन के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कर्नल संतोष बाबू की पत्नी को एक आवासीय जमीन, ग्रुप-1 यानी गैजेटेड रैंक की नौकरी और 5 करोड़ रुपए का चेक सौंपा।

आपको बता दें कि लद्दाख में चीन की सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू का 18 जून को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। नम आंखों से परिवार और आस-पड़ोस के लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। कर्नल की अंतिम यात्रा के दौरान लोगों ने अपने घरों की बॉलकनी में खड़े होकर ‘वंदे मातरम’ और ‘संतोष बाबू अमर रहे’ के नारे भी लगाए और फुलों की बारिश भी की। इस दौरान शहर की अधिकतर दुकानें बंद रहीं।

ANI

@ANI

Telangana CM K Chandrasekhar Rao visits family of Colonel Santosh Babu, who lost his life in action during , in Suryapet. Rs 5 crore ex-gratia, a residential plot & Group 1 job to Colonel’s wife have been given.

Twitter पर छबि देखेंTwitter पर छबि देखेंTwitter पर छबि देखेंTwitter पर छबि देखें
284 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं
उनके पार्थिव शरीर को बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी से एक विशेष विमान में हैदराबाद के निकट स्थित हकीमपेट वायु सेना अड्डे लाया गया और देर रात उनके घर पहुंचाया गया।

कर्नल का अंतिम संस्कार पारिवारिक जमीन पर ही किया। उनके पिता ने क्रियाकर्म किया। सेना ने उन्हें बंदूक की सलामी दी। कर्नल के परिवार में पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है। आपको बता दें कि सोमवार रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के उनके समेत 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।

चीनी पक्ष से हुई बातचीत का नेतृत्व कर रहे थे संतोष बाबू
गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल बी. संतोष बाबू सोमवार को चीनी पक्ष से हुई बातचीत का नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन सोमवार को देर रात हुई हिंसा में वह शहीद हो गए। मूलत: तेलंगाना के सूर्यपत जिले के निवासी कर्नल संतोष बाबू 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर भी थे। इससे पूर्व भी वह तनाव कम करने को लेकर हुई कई बैठकों का नेतृत्व कर चुके थे।

सेना से जुड़े सूत्रों ने कहा था कि जब चीनी सेना तय कार्यक्रम के अनुसार पीछे नहीं हटी तो कर्नल बाबू स्वयं उनसे बात करने गए थे। इसी दौरान चीनी पक्ष की तरफ से उनके साथ हाथापाई की गई, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी जवाब दिया।

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch