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50 बदमाशों ने विकास दुबे के घर से पुलिस पर चलाई थी गोलियां, छापे की मुखबिरी होते ही बोला था सबको कफन में भिजवाऊंगा

कानपुर। विकास दुबे के साथ रहने वाले दयाशंकर अग्निहोत्री को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में दयाशंकर ने कई बड़े खुलासे किया। दयाशंकर ने पुलिस को बताया कि विकास के पास रात लगभग साढ़े आठ बजे यह सूचना आ गई थी कि पुलिस छापा मारने वाली है। इसके बाद विकास दुबे ने दयाशंकर से कहा घर के सारे दरवाजे खिड़कियां बंद कर लो। विकास खुद बदमाशों का इंतजाम करने चला गया। करीब 1 घंटे बाद वह 50 असलहाधारी बदमाशों को लेकर घर लौटा। जिसके बाद उन्होंने पुलिस से मोर्चा लेते हुए आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। दयाशंकर ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने के बाद विकास के पास जिस का भी फोन आ रहा था वह उनसे यही कह रहा था की आने दो सबको कफन में यहां से भिजवाऊंगा।

बता दें कि रविवार सुबह पुलिस ने विकास दुबे के साथ रहने वाली दयाशंकर को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि दयाशंकर के पैर में गोली लगी। पुलिस से पूछताछ में उसने बताया कि उसके परिवार को दो बेटियां और पत्नी है। पत्नी का नाम रेखा दो बेटियां मुस्कान और महक है। पूछताछ के दौरान दयाशंकर ने बताया कि 3 साल की उम्र में ही उसके माता-पिता का निधन हो गया था,  जिसके बाद से उसे विकास दुबे के माता-पिता ने पाला और शादी विवाह कराया। वह उनके घर में रहकर खाना बनाने और पशुओं को चारा पानी करने का काम करता था। दयाशंकर ने बताया कि घटना के दिन चौबेपुर थाने से विकास के मोबाइल पर रात करीब 8:30 बजे एक फोन आया।

मोस्ट वांटेड विकास दुबे के घर दबिश के दौरान चौबेपुर एसओ की भूमिका संदिग्ध मिलने और लापरवाही पर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने शनिवार को ही सस्पेंड कर दिया है। साथ ही थाने में तैनात सिपाही से लेकर सभी दरोगा की गोपनीय जांच भी की जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि किस गद्दार ने दबिश से पहले मुखबिरी की थी। जांच पूरी होने के बाद दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके जेल भेजा जाएगा।

बिकरू कांड की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पुलिस के ही किसी भेदिए ने फोन पर विकास को दबिश से पहले सूचना दे दी थी। एसटीएफ की जांच में चौबेपुर एसओ की भी उससे कई बार बातचीत होने की बात सामने आई है। सिपाही और एक होमगार्ड के भी बातचीत करने की जानकारी सामने आ रही है।
यही नहीं, दबिश के दौरान चौबेपुर एसओ विनय तिवारी सबसे पीछे रह गए और दूसरे थानेदारों व पुलिसकर्मियों को आगे जाने दिया, जिन्हें क्षेत्र की ज्यादा जानकारी नहीं थी। इसे घोर लापरवाही माना गया है। इसके चलते एसओ पर कार्रवाई की गई। चौबेपुर थाने के सभी पुलिस कर्मियों की कॉल डिटेल के साथ ही अन्य जांच की जा रही है। इसमें भेदिए का नाम सामने आने की उम्मीद है ?

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