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कानपुर केस : क्या हुआ था उस रात विकास दुबे के गांव में, कैसे मारे गए आठ पुलिसकर्मी, सस्पेंड एसओ विनय तिवारी ने बताई पूरी कहानी

कानपुर। कानपुर केस की जांच तेज हो गई है। अभी भी आठ पुलिसकर्मियों का मुख्य हत्यारोपी विकास दुबे पुलिस की गिरफ्तर से बाहर है। वहीं चौबेपुर थाने के पूर्व एसओ को एसटीएफ मंगलवार को बिकरू गांव लेकर पहुंची। एसटीएफ ने पूरे मामले में विनय का बयान दर्ज किया था।इसके बाद मुठभेड़ के दौरान पुलिस वहां कैसे फंसी और गोलियां कहां से चल रही थी…? पूरे क्राइम सीन को समझा और एसओ कैसे बच गए, उन्हें खंरोच तक नहीं आई यह भी पूछा। इसके बाद टीम उन्हें लेकर लौट गई।

बिकरू कांड की जांच एसटीएफ तेजी से कर रही है। सस्पेंड किए गए चौबेपुर एसओ विनय तिवारी को लेकर एसटीएफ की टीम गांव पहुंची। मास्क लगा होने से पहले तो लोग उन्हें पहचान नहीं सके। इसके बाद टीम ने पूछताछ करते हुए एक-एक मुआयना शुरू किया तो लोग समझ सके कि पूर्व एसओ को लेकर एसटीएफ जांच करने पहुंची है। पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि विनय खुद ही नहीं थाने की पूरी टीम लेकर सबसे पीछे थे। टीम विकास के घर की तरफ बढ़ी तो वह रुक गए और फायरिंग शुरू होते ही पूरी टीम के साथ भाग निकले थे। इसके चलते उन्हें खरोच तक नहीं आई थी और वह मुठभेड़ के दौरान की पूरी जानकारी भी नहीं दे सके। जबकि क्षेत्र की जानकारी से अनभिज्ञ सीओ और एसओ फंस गए। इसके चलते आठ पुलिस कर्मियों की जान चली गई और सात गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। जांच-पड़ताल के बाद टीम उन्हें लेकर लौट गई।

चौबेपुर को छोड़ कई थानों को सौंपी गई जांच
बिकरू में हुई घटना के बाद अब चौबेपुर थाने से अधिकारियों का विश्वास उठ चुका है। थाने में तैनात पुलिस कर्मियों के अलावा दूसरे थानों से दरोगाओं को अलग अलग बिन्दुओं पर जांच के लिए तैनात किया गया है। अधिकारियों का मानना है कि जब तक चौबेपुर थाने के प्रत्येक पुलिस कर्मियों की जांच पूरी नहीं हो जाती इस केस में उनसे कोई काम नहीं लिया जाएगा।  बिकरू में घटना के बाद इस मामले में नवाबगंज इंस्पेक्टर को घटना की विवेचना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह से कोतवाली के दरोगा को असलहों के सत्यापन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह से घटना में ऑपरेशनल कार्य को करने के लिए कलक्टरगंज, नौबस्ता, बर्रा, स्वरूप नगर आदि थानों में दरोगाओं को लगाया गया है। चौबेपुर पुलिस को इस पूरे मामले से दूर रखा गया है। उन्हें सिर्फ बाकी क्षेत्र में कानून व्यवस्था सम्भालने की जिम्मेदारी ही सौंपी गई है।

सभी पुलिस कर्मियों की हो रही मोबाइल ट्रैकिंग 
चौबेपुर थाने में तैनात पुलिस कर्मियों के मोबाइल नम्बरों की छानबीन हो रही है। उनकी बीते दिनों किससे कब और कितनी बात हुई। इसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।

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