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बड़ी खुशखबरी! कोरोना वैक्सीन के एक नहीं, तीन टीके लगभग तैयार; जानें आप तक कब पहुंचेंगे

नई दिल्ली। सोमवार शाम कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) तैयार होने की खबर ने पूरी दुनिया को राहत दी है. अब हर किसी को लगने लगा है कि इस जानलेवा कोरोना वायरस  (Coronavirus) से बचा जा सकता है. ये खुशखबरी यहीं खत्म नहीं हो रही है. दरअसल पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (COVID19) के 3 दमदार टीके तैयार हो चुके हैं और अच्छी बात ये है कि ये तीनों ही ट्रायल के अंतिम चरण में हैं. आइए बतातें हैं कब तक मिल पाएंगे ये टीके आपको…

1. सिनोवैक (Sinovac)
चीनी वैज्ञानिक कोरोना वायरस के टीके बनाने की दौड़ में सबसे आगे हैं. जिस देश में सबसे पहले ये महामारी फैली उनके वैज्ञानिकों को इस वायरस के टीके तैयार करने के लिए ज्यादा सैंपल मिले. चीनी दवा कंपनी सिनोवैक बायोटेक (Sinovac Biotech) ने खाड़ी देशों समेत दुनिया के कई अन्य देशों में अपने वैक्सीन के सफल ट्रायल (Vaccine Trails) कर लिए हैं. कुल मिलाकर चीनी कंपनी कोरोना वैक्सीन तैयार करने के बेहद करीब है. कंपनी अपने अंतिम ट्रायल ब्राजील और बांग्लादेश में करना शुरू कर चुकी है.

2. आस्ट्राजेनेका (AstraZeneca / Oxord University)
ये वही टीका है जिसके बारे में आपने सोमवार को सुना होगा. ब्रिटेन (Britain) की ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी(Oxford University) ने इस टीके का नाम आस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ही रखा है. इस टीके का इंसानों पर सफल परीक्षण हो चुका है. तीसरे यानि आखिरी चरण के ट्रायल (Final Trails) में इस टीके को ज्यादा समय नहीं लगेगा. ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने इस टीके के अंतिम चरण के ट्रायल दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में करने का फैसला किया है.

3. युनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न (Univerisy of Melborn)
ऑस्ट्रेलिया (Australia) स्थित युनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न भी इस दौड़ में आगे ही नजर आ रही है. यहां के वैज्ञानिकों ने सौ साल पुरानी टीबी की दवा (TB Vaccine) से कोरोना वायरस का वैक्सीन तैयार कर लिया है. हालांकि ये टीका कोरोना वायरस से सीधे लड़ने में मददगार नहीं है. लेकिन ये टीका शरीर के भीतर कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी को जबरदस्त तरीके से बढ़ाने में सफल हुआ है. इस टीके के भी दो ट्रायल पूरे हो चुके हैं. अंतिम चरण के ट्रायल भी शुरू हो चुके हैं.

कितने दिन लगेंगे आप तक पहुंचने में?
दूसरे चरण के ट्रायल सफल होने का मतलब है कि टीका पूरी तरह से तैयार है और ये बीमारी को प्रभावी रूप से खत्म कर सकता है. लेकिन कोरोना वायरस एक महामारी है और पूरी दुनिया में हर तबके को संक्रमित कर चुका है. औसतन आखिरी चरण यानि तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में 1 से 4 साल तक का समय लगता है. लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि सभी ट्रायल फास्ट ट्रैक मोड में हैं. इस हिसाब से अगस्त के अंतिम हफ्ते या सितंबर के पहले वीक में टीके आम लोगों को उपलब्ध होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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