नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव कम नहीं हो रहा है, कई हिस्सों में चीन अब भी पीछे हटने को तैयार नहीं है । जबकि भारत की ओर से लगातार चेतावनी दी जा रही है । इसी तनातनी के बीच गुरुवार को सरकारी कॉन्ट्रैक्ट को लेकर भारत ने पड़ोसी देशों के लिए नियम सख्त कर दिए हैं । नए नियमों के अनुसार, सरकारी ठेकों के के लिए अब पड़ोसी देशों के बिडर्स यानी कि बोली लगाने वालों को पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा, साथ ही सिक्योरिटी क्लियरेंस भी लेनी होगी ।
भारत सरकार के इस फैसले में चीन का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इसे चीन को काउंटर करने के तौर पर देखा जा सकता है । भारत सरकार की ओर से जारी बयान में स्पष्ट किया गया कि भारत की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को कड़ा और मजबूत करने के लिए ये फैसला लिया गया है । आपको बता दें भारत की सीमा चीन समेत पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल और भूटान देशों से लगती है ।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत की सीमा से लगे सभी देश के बिडर्स, किसी भी वस्तु या सेवा की खरीद में तभी बिड कर पाएंगे जब वो किसी अथॉरिटी के साथ पहले से ही पंजीकृत होंगे । विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से राजनीतिक और सुरक्षा के स्तर पर मंजूरी लेना भी अनिवार्य रूप से आवश्यक होगा । सरकार की ओर से जारी इस आदेश के बाद, अब इसे लेकर चीनी दूतावास से प्रतिक्रिया का इंजतार है ।
अप्रैल महीने में ही सरकार की ओर से एफडीआई को लेकर भी इसी तरह के निर्देश जारी किए थे । कोरोना के कारण कमजोर पड़ रही भारतीय कंपनियों के अधिग्रहण से चीनी कंपनियों को रोकने के लिए इन नियमों को सख्त करना जरूरी हो गया था । भारत ने तब भी चीन का नाम नहीं लिया था । लेकिन भारत में कारोबारी फायदा होने की वजह से चीन की तरफ से इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया आई थी । चीन ने तब इसे नीतिगत भेदभाव करार दिया था ।