अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक ट्वीट में कहा है कि वह बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा बुधवार को ध्वस्त किए गए अपने कार्यालय का नवीनीकरण नहीं करेंगी और इसे एक ऐसी महिला की हिम्मत के प्रतीक के तौर पर इसी तरह से रखेंगी, जिसने इस दुनिया में मजबूती से खड़े रहने की इच्छा जताई।
वहीं, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे सरकार की इस करतूत को ‘बेतुका’ बताते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है। BMC ने कथित अवैध निर्माण के आधार पर कंगना के ऑफिस को बुलडोजर और बड़े हथियारों से तोड़ दिया था।
एक ट्वीट में, कंगना रनौत ने लिखा, “मेरा ऑफिस 15 जनवरी को खुला, कुछ ही समय बाद कोरोना महामारी आई। हम में से ज्यादातर लोगों की तरह ही मैंने भी उसके बाद काम नहीं किया। इसे ठीक करने के लिए मेरे पास रूपए भी नहीं हैं। मैं उसी खंडहर से काम करुँगी और उस ऑफिस को इसी तरह रहने दूँगी। यह खंडहर एक ऐसी महिला की इच्छाशक्ति के प्रतीक रूप में रखा जाएगा, जो इस दुनिया के सामने उठने का साहस करती है।”
इस ट्वीट के साथ ही कंगना ने ‘कंगना बनाम उद्धव’ हैशटैग भी जोड़ा है।
उद्धव सरकार के कारनामे से निराश गवर्नर कोश्यारी केंद्र सरकार को भेजेंगे रिपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस पूरे प्रकरण में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुख्य सलाहकार अजॉय मेहता से चर्चा की। उन्होंने मेहता को तलब कर सीएम ठाकरे के इस ‘बेतुके सलूक’ पर अपनी नाराजगी जाहिर की।
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, गवर्नर ने मेहता के जरिए सीएम को सख्त संदेश भेजा है। बताया जा रहा है कि अजॉय मेहता इस संबंध में सीएम उद्धव को जानकारी दे देंगे। वहीं, राज्यपाल कोश्यारी भी इस विषय पर केंद्र को एक रिपोर्ट देने जा रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए सुरक्षा गार्डों की सुरक्षा के बीच बीएमसी द्वारा ध्वस्त किए जाने के कुछ घंटों बाद कंगना रनौत 9 सितंबर को मुंबई पहुँची। बृहस्पतिवार को, अभिनेत्री ने अपनी संपत्ति का जायजा लिया और नुकसान का सर्वेक्षण किया।
शिवसेना नेता संजय राउत के साथ जारी वाकयुद्ध के बाद कंगना ने अपनी सुरक्षा के लिए चिंता व्यक्त की थी, जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उन्हें वाई-प्लस श्रेणी सुरक्षा कवर प्रदान किया गया।
हाल ही में कंगना रनौत ने कहा था कि वह मुंबई में असुरक्षित महसूस करती हैं, और इसकी तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की। इस पर शिवसेना नेता संजय राउत ने उन्हें ‘हरामखोर’ कहते हुए उन्हें महाराष्ट्र में पैर न रखने की धमकी दी थी।