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फर्जी टीआरपी कांडः दो चैनलों के मालिक हिरासत में, रिपब्लिक भी एक्सपोज

मुंबई पुलिस ने गुरुवार शाम टीवी चैनलों की टीआरपी को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने साफ-साफ कहा कि रिपलब्कि टीवी पैसे देकर अपनी टीआरपी बढ़ाता था. उन्होंने कहा कि इसके बदले लोगों को पैसे दिए जाते थे. मुंबई पुलिस के मुताबिक रिपब्लिक टीवी टीआरपी के लिए जोड़तोड़ में लगा हुआ था.

मुंबई पुलिस कमिश्नर का दावा है कि कुछ अनपढ़ों के घर भी अंग्रेजी चैनल देखा जाता था, जबकि कुछ बंद घरों में भी टीवी चलता रहता था. जिन घरों में टीआरपी मीटर लगे हुए हैं, उन्हें एक ही चैनल देखने के लिए पेमेंट की जाती थी.

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि दो चैनलों के मालिक हिरासत में लिए गए हैं. इसके अलावा रिपल्बिक टीवी के खातों को सीज किया जा सकता है. परमबीर सिंह ने कहा कि ज्यादा विज्ञापन के लिए टीआरपी का ये खेल खेला जा रहा था.

मुंबई पुलिस ने बार्क इंडिया को भेजा नोटिस

ताजा जानकारी के मुताबिक मुंबई पुलिस द्वारा BARC को नोटिस भेज दिया गया है. इसके साथ ही मुंबई पुलिस ने बार्क इंडिया को अभियुक्त से रिश्वत लेने वाले एक गवाह का बयान भी भेजा है. बार्क इंडिया को भेजे गए नोटिस पर 7 अक्टूबर की तारीख डली हुई है. मुंबई पुलिस द्वारा BARC के विजिलेंस अधिकारी नोटिस भेजी गई है. जानकारी के मुताबिक जिस गवाह का बयान भेजा गया है उसे रिपब्लिक टीवी देखने के लिए रिश्वत दी गई थी.

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी ही उस कंपनी के एकमात्र प्रमोटर और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क (आरएमएन) के बोर्ड के चेयरमैन हैं. वहीं रिपब्लिक टीवी की पैरेंट कंपनी एआरजी आउटलेयर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशक हैं- सम्यब्रत रे गोस्वामी और अर्नब रंजन गोस्वामी. तो ऐसे में अगर मुंबई पुलिस की जांच आगे बढ़ती है तो अर्नब गोस्वामी और सम्यब्रत ही दो ऐसे शख्स होंगे जिनसे पुलिस की टीम पूछताछ करेगी.

मुंबई पुलिस ने खोला टीआरपी रैकेट का राज

मुंबई पुलिस का दावा है कि हंसा कंपनी के पूर्व कर्मचारी इस धंधे में लिप्त थे. इस मामले में हंसा कंपनी के एक पूर्व कर्मचारी समेत दो लोग गिरफ्तार हुए हैं. एक व्यक्ति के खाते से 20 लाख रुपये सीज किए गए हैं. जबकि उनके बैंक लॉकर से 8.5 लाख रुपये मिले हैं.

परमबीर सिंह ने आगे कहा कि शिकायत के आधार पर हमने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. रिपब्लिक टीवी का नाम भी सामने आया है. जिन ग्राहकों से संपर्क किया गया था, उन्होंने माना है कि रिपब्लिक चैनल ऑन रखने के लिए पैसे दिए गए थे. उन्होंने अपने बयान दर्ज कराए हैं. बार्क ने भी रिपब्लिक टीवी पर संदेह जताया है.

मुंबई पुलिस का कहना है कि इस गोरखधंधे में रिपब्लिक टीवी के प्रमोटर्स भी शामिल हो सकते हैं. इस मामले में जांच जारी है. जो भी विज्ञापन इन चैनलों पर चले हैं उनकी भी जांच की जाएगी. विज्ञापनदाताओं से पूछा जाएगा कि वे शिकार हुए या वे भी रैकेट का हिस्सा थे.

मुंबई पुलिस के मुताबिक करीब 2000 घरों में ये खेल चल रहा था और हर घर को 400 से 500 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जा रहा था. पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमें संदेह है कि अगर मुंबई में ऐसा हो रहा था तो यह देश के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है. इसमें कुछ मौजूदा कर्मचारी भी शामिल हैं और कुछ अंदरूनी लोग भी शामिल हैं. BARC अधिकारियों से भी पूछताछ की गई है. वरिष्ठ अधिकारियों को भी तलब किया जाएगा.

मुंबई पुलिस कमश्निर ने कहा कि आज रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों को समन भेजा जाएगा और उन्हें जांच दल के सामने पेश होने के लिए कहा जाएगा. उन्होंने बताया कि हंसा वो एजेंसी थी जिसने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. हम इस मामले से संबंधित सभी खातों की जांच करेंगे. फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है.

रिपब्लिक टीवी ने जारी किया अपना बयान

हालांकि मुंबई पुलिस की पीसी के बाद रिपब्लिक टीवी ने भी इस मुद्दे पर अपना आधिकारिक बयान जारी किया है. रिपब्लिक टीवी का कहना है कि चूंकि उन्होंने सुशांत केस में पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से सवाल पूछे थे इसलिए अब रिपब्लिक टीवी पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं. बयान में कहा गया है कि रिपब्लिक टीवी मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर मानहानि का केस भी करेगा.

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