लखनऊ। कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में मजदूर और उनके परिवारों को आर्थिक मदद देने वाली योगी सरकार ने उनके लिए कुछ और मदद का फैसला लिया है। श्रमिकों को भ्रमण-तीर्थ, उनकी उच्च शिक्षा ले रही बेटियों को किताबें और खेल में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके लिए श्रम कल्याण परिषद की तीन योजनाएं जल्द लागू होने जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद की बैठक बुधवार को मुख्य सचिव आरके तिवारी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में हुई। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चंद्रा ने तीन योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया। मुख्य सचिव बताया कि श्रमिकों को धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन के लिए स्वामी विवेकानंद ऐतिहासिक पर्यटन यात्रा योजना के तहत 12 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस योजना को आइसीटीसीआर या पर्यटन विभाग की किसी अन्य योजना के माध्यम से चलाया जाएगा।
निर्णय लिया गया कि महादेवी वर्मा पुस्तक क्रय आर्थिक सहायता योजना के तहत कारखानों में कार्यरत श्रमिकों की उच्च शिक्षा में अध्ययनरत बेटियों को किताबें खरीदने के लिए 7500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा खेल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले श्रमिकों के बच्चों को भी सरकार प्रोत्साहन राशि देगी। इसमें जिला स्तर पर चयन होने पर 10 हजार रुपये, राज्य स्तर पर 25 हजार रुपये, राष्ट्रीय स्तर पर 50 हजार रुपये और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चयन होने पर एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया गया है।
मुख्य सचिव ने लाभार्थियों के चयन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। समिति में क्षेत्रीय उप श्रमायुक्त और जिला खेल अधिकारी को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा।
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