Saturday , November 23 2024

हर सीरीज के बाद अपना किट बैग दान कर देते हैं ऋषभ पंत, पीछे है बेहद खास वजह!

टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर साबित कर दिया, कि वो मैचविनर हैं, कुछ मैचों के खराब होने से खिलाड़ी का करियर खत्म नहीं होगा, पंत के लिये पिछला साल कुछ खास नहीं रहा था, बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज उनकी जगह सीमित ओवरों में केएल राहुल को मौका दिया गया, लेकिन इस बार ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर उन्होने जैसा प्रदर्शन किया है, उसने साबित कर दिया कि टीम संतुलन के लिये वो कितने अहम हैं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 पारियों में उन्होने 274 रन बनाये।

दो अर्धशतक

इस दौरान उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी 97 रनों की रही, साथ ही चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में नाबाद 89 रन बनाये, गाबा टेस्ट जीत में उनकी बड़ी भूमिका थी, ऋषभ पंत मैदान पर जितने आक्रामक नजर आते हैं, वो उतने ही इमोशन हैं, इसी वजह से पंत हर सीरीज के बाद अपना किट बैग जूनियर क्रिकेटर्स को दे देते हैं, क्योंकि कभी उन्हें भी ऐसी मदद मिलती थी।

अब मदद करने की स्थिति में हैं

इंडिया टुडे को दिये एक इंटरव्यू में ऋषभ पंत ने खुलासा किया कि बीसीसीआई से कांट्रेक्ट मिलने के बाद से वो ऐसा कर रहे हैं, pant1उन्होने बताया कि तारक सर उन्हें बल्लेबाजी और कीपिंग से जुड़े सामान देते थे, जूते और बैट उपलब्ध करता थे, आशीष नेहरा भी क्लब में काफी सामान देते थे, जिससे उन्हें काफी मदद मिलती थी, युवा बल्लेबाज ने कहा कि जब वो छोटे थे, तो उन्हें भी काफी लोग सामान देते थे, और अब वो इस स्थिति में हैं, कि दूसरों की मदद कर सकते हैं।

भारतीय टीम को अपेक्षाएं

ऋषभ पंत ऑस्ट्रेलिया में छाये रहे, इससे पहले भी उनसे टीम इंडिया को काफी अपेक्षाएं थी, लेकिन वो उसे पूरा करने में नाकाम रहे थे, इस पर उन्होने कहा कि वो हर दिन दबाव महसूस कर रहे थे, ये उनके खेल का हिस्सा हैं, pant54एक व्यक्ति के तौर पर आपको खुद पर भरोसा होना चाहिये, उन्होने कहा कि अगर आप आगे बढ रहे हैं, तो इसका मतलब येहै कि आप सुधार कर रहे हैं, इस मुश्किल समय में उन्होने यही सीखा है, अपने खेल पर इतना ध्यान केन्द्रित करें, कि आपको कुछ और नजर ना आए, सोशल मीडिया की वजह से कई बार ऐसा करना मुश्किल होता है, लेकिन उन्होने खुद को इससे अलग कर लिया है।

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch