नई दिल्ली। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर सीपी श्रीवास्तव ने दिल्ली में हुई हिंसा के बाद बुधवार को एक प्रेस वार्ता की। उन्होंने कई जानकारियों को साझा करते हुए कई बातें बताई, जो हिंसा का कारण बनीं। उन्होंने बताया कि किसान नेताओं को बताया गया था कि तीन रूटें तय की गई थीं। 12 बजे के बाद रैली निकलानी थी मगर किसान पहले ही रैली निकालने के लिए जुट गए। उन्होंने यह भी बताया कि किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू के भाषण के बाद भीड़ हिंसक हो गई, जिसके कारण भीड़ मुकरबा चौक पर हिंसा भड़की।
तय रूट पर नहीं हुआ किसान ट्रैक्टर परेड
पुलिस लगातार किसान नेताओं के साथ संपर्क कर रूटों का निर्धारण कर रही थी मगर किसान तय समय से पहले और तय रूट से हट कर दिल्ली में घुसे। इसी दौरान कई लोग लाल किले में उपद्रव मचाया।
लाल किले पर दूसरा ध्वज फहराने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
उन्होंने बताया कि लाल किले पर जो अलग-अलग ध्वज फहराया गया है इसे दिल्ली पुलिस काफी गंभीरता से ले रही है। फिलहाल 25 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। उपद्रवियो को पहचानने के लिए फेस पहचानने वाली मशीन की मदद ली जा रही है। इस केस में जो भी दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा। इस दौरान चाहे किसान नेताओं से भी पूछताछ करनी पड़ी तो उनसे पूछताछ की जाएगी। राष्ट्र के मान में कमी लाने वाले नेताओं और दोषियों पर सख्त से सख्त सजा मिलेगी। दिल्ली पुलिस के सीपी ने आगे बताया कि किसान नेताओं को शर्तों के साथ अनुमति दी गई थी। किसान नेताओं ने उग्र लोगों को आगे कर दिया। सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से पहचान जारी है। कोई भी आरोपित, जिसकी पहचान होती है और शामिल पाया जाएगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा। जो भी किसान नेता हैं उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्र के सम्मान और सुरक्षा में दिल्ली पुलिस किसान संगठनों से पूछताछ करेगी। अब तक 19 की गिरफ्तारी हुई है और 50 को हिरासत में लिया गया है।
दिल्ली पुलिस के हिसाब से किसान ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा की मुख्य वजहें
- तय रूट की अनदेखी की गई
- रैली में असामाजिक तत्व की मौजूदगी
- मुकरबा चौक पर सतनाम सिंह पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिया
- मंच से भड़काऊ भाषण
- 25 जनवरी की शाम के वादे से मुकर गए किसान नेता
- 26 की सुबह बैरिकेड तोड़ना शुरू कर दिया
- 12 बजे तय किया गया था रैली का समय
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