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सैटेलाइट तस्वीरों से मिल रहे सबूत, पैंगोंग झील से हो रही चीनी सेना की वापसी

भारत और चीन के बीच समझौता होने के बाद चीनी सेना की ओर से पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो में स्थापित शिविर, सैन्य वाहन, अतिरिक्त नावें, जेटी और भंडारण सुविधाएं अब दिखाई नहीं दे रही हैं. डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया शुरू होने के बाद नवीनतम सैटेलाइट इमेज के जरिए इस क्षेत्र में चीजें पहले की तरह दिखाई नहीं दे रही हैं.

पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील क्षेत्र में 16 फरवरी को लिए गए सैटेलाइट इमेज से वहां पर डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया दिखाई दे रही है और पहले जैसी स्थिति नहीं है.

हाई रेजलूशन वाली सेटेलाइट तस्वीरें निर्णायक रूप से झील के उत्तरी तट पर चीनी इंफ्रास्ट्रक्चर को दिखाते हैं. ये सैटेलाइट तस्वीरें स्पेस फर्म मैक्सर टेक्नोलॉजीज द्वारा ली गई हैं और जिसमें हाल ही में भारत तथा चीन के बीच हुए समझौते के बाद क्षेत्र में डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया जारी है.

सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि पैंगोंग त्सो क्षेत्र के उत्तरी किनारे से चीनी बुनियादी ढांचा हटा दिया गया है (फोटो- मैक्सर टेक्नोलॉजीज)
सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि पैंगोंग झील क्षेत्र के उत्तरी किनारे से चीनी बुनियादी ढांचा हटा दिया गया है (फोटो- मैक्सर टेक्न

सीमा पर जारी तनातनी के बीच एक अहम घटनाक्रम के तहत चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भी चीनी मैप और संकेतों (साइन) को हटा दिया है, जिसे पहले फिंगर फाइव क्षेत्र में उकेरा गया था, और इसका खुलासा सबसे पहले इंडिया टुडे ने जून 2020 में अपनी रिपोर्ट में किया था. पीएलए ने एक चीनी मैप में मंदारिन भाषा में ‘Zhongguo’शब्द लिखा था जिसका शाब्दिक अर्थ “मिडिल किंगडम” है, जो प्राचीन चीनी क्षेत्रों के लिए प्रयुक्त एक फ्रेज है.

सेटेलाइट तस्वीर दिखाते हैं कि चीनी शब्द और मैप नक्शे को पैंगोंग त्सो क्षेत्र के उत्तरी तट से हटा दिया गया है. (फोटो- मैक्सर टेक्नोलॉजीज)
सेटेलाइट तस्वीर दिखाते हैं कि चीनी शब्द और मैप नक्शे को पैंगोंग झील क्षेत्र के उत्तरी तट से हटा दिया गया है. (फोटो- मैक्सर टेक्

दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच कई स्थानों पर लगाए गए दर्जनों शिविरों, स्टोरेज और सैन्य वाहनों को PLA द्वारा हटा दिया गया है. नई जेटी और तटों पर लाई गई अतिरिक्त नौकाएं भी अब नई तस्वीरों में नहीं दिख रही हैं जो कि फिंगर क्षेत्र में एक पूर्ण डिसएंगेजमेंट की रिपोर्ट की पुष्टि करता है.

पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 क्षेत्र के सबसे ऊंचाई वाले पहाड़ पर जहां चीनी सैनिकों ने लंबे समय से कब्जा कर रखा था, आखिरकार अब उसे खाली किया जा रहा है.

सेटेलाइट तस्वीरें चीनी साइन और पैंगोंग त्सो क्षेत्र के उत्तरी तट से हटाए गए मैप को दिखाती है (फोटो-मैक्सर टेक्नोलॉजीज)
सेटेलाइट तस्वीरें चीनी साइन और पैंगोंग झील क्षेत्र के उत्तरी तट से हटाए गए मैप को दिखाती है (फोटो-मैक्सर टेक्नोलॉजीज)

पिछले वर्ष मई में पीएलए द्वारा स्थापित किए गए बड़े आफिसर्स कैंप और स्टोरेज को पूरी तरह से हटा दिया गया है. कैंप के चारों ओर खोदी गई रक्षात्मक स्थितियों को भी संभवतः इन स्थानों के शीघ्र पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ध्वस्त कर दिया गया है.

सेटेलाइट इमेज में पैंगोंग त्सो क्षेत्र के उत्तरी किनारे से चीनी पुलबैक दिखाई देता है (फोटो-मैक्सर टेक्नोलॉजीज)
सेटेलाइट इमेज में पैंगोंग झील क्षेत्र के उत्तरी किनारे से चीनी पुलबैक दिखाई देता है (फोटो-मैक्सर टेक्नोलॉजीज)

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ स्थित विवादित क्षेत्र को भारत के साथ 8 फिंगर्स में विभाजित किया गया है.

कैप्शन: सेटेलाइट इमेज में पैंगोंग त्सो क्षेत्र के उत्तरी किनारे से चीनी पुलबैक दिखाई देता है (फोटो-मैक्सार टेक्नोलॉजीज)
सेटेलाइट इमेज में पैंगोंग झील क्षेत्र के उत्तरी किनारे से चीनी पुलबैक दिखाई देता है (फोटो-मैक्सार टेक्नोलॉजीज)
वापस जाते सैनिक (फोटो-इंडिया टुडे)
वापस जाते सैनिक

भारत और चीन ने एक चरणबद्ध तरीके से और समन्वित तरीके से डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया की शुरुआत की घोषणा की, जिसके तहत चीनी सैनिक फिंगर 4 से फिंगर 8 में वापस लौट जाएंगे और भारतीय सैनिक फिंगर 3 के पास धन सिंह थापा पोस्ट पर अपने पहले के स्थान पर वापस चले जाएंगे.

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