हरियाणा के टोहाना विधानसभा सीट से जेजेपी विधायक देवेन्द्र बबली ने बजट सत्र के दौरान अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किये हैं, उनहोने सदन में किसान आंदोलन के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि किसानों की हालत चिंताजनक है, और ये आंदोलन प्रदेश के हित में नहीं हैं, प्रदेश की सीमाओं पर किसान बुजुर्ग महिलाएं और बच्चे बैठे हैं, ये चिंताजनक और पीड़ादायक है, हम जब गांव में जाते हैं, तो हमें कहा जाता है कि आप गांव में मत आना, हमें गांव में कार्यक्रमों में सामाजिक कार्यक्रमों में आने से रोका जाता है, मैं सीएम, डिप्टी सीएम और पूरी कैबिनेट से मांग करता हूं, कि इस किसान आंदोलन का समाधान करवाया जाए।
मेरे हलके के साथ सौतेला व्यवहार
वहीं जेजेपी विधायक देवेन्द्र बबली का सदन में दर्द छलक आया, सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्होने कहा कि मेरे हलके के साथ हरियाणा सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है, सरकार में साझीदार होने के बावजूद मेरे हलके में विकास कार्य नहीं किया जा रहा है।
लोगों ने गलती की
उन्होने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या टोहाना विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने मुझे एक लाख से ज्यादा वोटों से जिता कर गलती कर दी है, क्या मेरे हलके का विकास इसलिये नहीं हो रहा है कि मैं इतनी बड़ी जीत दर्ज करके आया हूं, उन्होने कहा कि अगर यही वजह है तो मैं अपने हलके के विकास के लिये अपनी सदस्यता छोड़ने को भी तैयार हूं, मैं सीट छोड़ दूंगा, लेकिन मेरे विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्य ना रोके जाएं, आपको बता दें कि देवेन्द्र बबली ने पिछले विधानसभा चुनाव में तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को बड़े अंतर से हराया था।
दिल से बात करता हूं, दिमाग से नहीं
जेजेपी विधायक ने कहा कि मैं दिल से बात करता हूं, दिमाग से नहीं, मेरे मन में जो बात होती है, वही कहता हूं, निश्चित ही किसान आंदोलन चलते रहना प्रदेश के हित में नहीं हैं, किसान आंदोलन के कारण प्रदेश में औद्योगिक विकास नहीं हो पा रहा है। सरकार को इसका समाधान जल्द करना चाहिये, हालांकि देवेन्द्र बबली ने कहा कि भले ही कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाए, लेकिन सरकार सुरक्षित है, खट्टर सरकार को कोई खतरा नहीं है, मेरा वोट सरकार को ही जाएगा, लेकिन जो हकीकत है, वो मैंने बयां कर दी है।