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उत्तर प्रदेश में बढ़ा संक्रमण, स्वास्थ्य मंत्री बोले-अभी लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू पर विचार नहीं

राजेश श्रीवास्तव 

लखनऊ। देश के अन्य राज्यों के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं, इसके बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक लॉकडाउन या फिर नाइट कर्फ्यू लगाने का कोई विचार नहीं किया है।

उत्तर प्रदेश में दो महीने बाद मंगलवार को कोरोना वायरस के सर्वाधित संक्रमित मिले हैं। प्रदेश में बीते 24 घंटे में 228 नए संक्रमित मिले हैं। सरकार अब भले ही बेहद सर्तक हो गई है लेकिन अभी लॉकडाउन या फिर नाइट कर्फ्यू नहीं लगाया जाएगा। जिलों में अधिकारियों को विशेष चौकसी चौकसी बरतने के निर्देश जारी हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में मंगलवार को कोरोना संक्रमण की जो टेस्ट रिपोर्ट आई वह चेतावनी देने वाली है। प्रदेश में आज कोरोना संक्रमण के बीते दो महीने के सर्वाधिक नए मामले सामने आए हैं। 228 नए संक्रमितों में सर्वाधिक 42 प्रयागराज से हैं जबकि 28 केस लखनऊ के हैं।

उत्तर प्रदेश में डेढ़ महीने बाद कोरोना वायरस से संक्रमित सर्वाधिक 228 नए रोगी मिले। इससे पहले 30 जनवरी को 247 संक्रमित मिले थे। नए मिले संक्रमित के मुकाबले कम रोगी स्वस्थ हुए। 24 घंटे में सिर्फ 138 मरीज स्वस्थ हुए हैं। दो और मरीजों की मौत के साथ अब तक कुल 8750 लोगों की जान यह खतरनाक वायरस ले चुका है। अभी तक कुल 6.05 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं और इसमें से 5.94 लाख रोगी ठीक हो चुके हैं। बीते 24 घंटे में एक लाख लोगों की कोरोना जांच की गई। अभी तक कुल 3.29 लाख लोगों का टेस्ट किया जा चुका है।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि अन्य राज्यों में बढ़ते केस को देखते हुए कोरोना जांच की संख्या बढ़ाई गई। फोकस व टारगेट टेस्टिंग पर ध्यान दिया जा रहा है। यूपी में अभी लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू पर विचार नहीं किया जा रहा है। होली में बाहर से आने वालों की टेस्टिंग होगी। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कोरोना के मामलों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण में पुन: तेजी से वृद्धि हो रही है। उत्तर प्रदेश में भी कुछ जिलों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। जिलों में इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर पूरी तरह सक्रिय हैं। होली के मद्देनजर रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर यात्रियों की रैंडम व प्रारंभिक जांच होगी।

फिर से बनेगा माइक्रो कंटेनमेंट जोन: प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी में फिर से माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने का फैसला लिया गया है। एक भी संक्रमति मिलने पर भी माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। इसमें पहले की तरह व्यवस्था रहेगी। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मरीज मिलने पर उसके ढाई सौ मीटर की दायरे को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। इसमें आने वालों की स्क्रीनिंग के साथ जांच भी होगी। इलाके में मास्क न लगाने वालों का चालान भी किया जाएगा।

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