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1971 में भारतीय नौसेना, 2021 में इजरायली सेना: ट्रिक वही-नतीजे भी वैसे, हमास ने ‘Metro’ में खुद भेज दिए शिकार

इजरायल और फलस्तीन के संघर्ष लगातार तेज होता जा रहा है। इस बीच इजरायल ने एक ऐसी रणनीतिक युद्धकला का प्रदर्शन किया है, जिसने 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध की ताजा कर दी है। उस समय इस रणनीति से जिस तरह के नतीजे भारतीय नौसेना ने हासिल किए थे, अब उसी तरह के परिणाम इजरायल को भी मिले हैं।

द येरुशलम पोस्ट के अनुसार इजरायल ने इस रणनीति की सहायता से गाजा पट्टी में फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास के ‘मेट्रो’ को निशाना बनाया। कई किलोमीटर में फैले इस टनल को तबाह कर उसे भारी नुकसान पहुँचाया है। हमास सुरंगों के इस नेटवर्क का उपयोग गाजा पट्टी में आवागमन के दौरान इजरायली वायुसेना के हमले से बचने और हथियारों को सुरक्षित रखने के लिए करता रहा है।

हाल ही में इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा कि इजरायल की वायुसेना इजरायल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए हमास पर लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन जमीनी कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी गुरुवार को कहा कि हमास के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई चलती रहेगी और आगे आने वाले समय यह और भी कड़ी होगी।

इसी क्रम में इजरायल डिफेंस फोर्स के ट्विटर हैन्डल से कहा गया, “IDF की वायु और थल सेना गाजा पट्टी पर हमला कर रही है।” IDF के इस ट्वीट के बाद वाशिंगटन पोस्ट और ABC समेत विश्व भर के मीडिया समूहों ने यह खबर चलाना प्रारंभ कर दिया कि इजरायल की जमीनी सेना गाजा पट्टी में घुस चुकी है और अब इस संघर्ष के और अधिक बढ़ने के आसार हैं।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इजरायल की जमीनी सेना के द्वारा हमला करने की खबर तेजी से आने के बाद हमास ने अपने फर्स्ट लाइन डिफेंस फोर्स को गाजा पट्टी में बनी सुरंगों में भेज दिया, जहाँ इजरायल की जमीनी सेना से लड़ने के लिए हथियार सुरक्षित रखे गए थे। इन हथियारों में एंटी-टैंक मिसाइल और मोर्टार स्क्वाड भी शामिल थे।

यहाँ इजरायल की रणनीति काम कर गई। इजरायल की सेना गाजा पट्टी के बॉर्डर पर अवश्य थी, लेकिन उसने गाजा पट्टी की बॉर्डर को क्रॉस नहीं किया था। मीडिया की भ्रामक खबर के झाँसे में आकर हमास के आतंकी भूमिगत सुरंगों में जाने के बाद इजरायली वायु सेना के निशाने पर आ गए और कुछ ही मिनटों के अंदर इजरायल के विमानों ने सुरंगों को निशान बनाते हुए बड़ा हमला कर दिया।

द येरुशलम पोस्ट के अनुसार हमास की ‘मेट्रो’ कही जाने वाली ये सुरंगें 2014 में इजरायल और हमास के बीच हुए संघर्ष के बाद बनाई गई थीं। गाजा पट्टी में कई किलोमीटर तक फैली इन सुरंगों को बनाने का उद्देश्य था इजरायल के विमानों को चकमा देना और हथियारों को सुरक्षित रखना।

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी भारत द्वारा ऐसी ही एक रणनीति अपनाई गई थी। पाकिस्तान ने अपने सबमरीन ‘गाजी’ को बंगाल की खड़ी में तैनात किया था। उसका मकसद था भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर ‘विक्रांत’ को नष्ट करना। लेकिन भारतीय नौसेना ने आईएनएस राजपूत का इस्तेमाल कर पाकिस्तान को चकमा दे दिया। उसे यह एहसास कराया गया कि ‘विक्रांत’ विशाखापट्टनम में है।

विशाखापट्टनम में भारी मात्रा में राशन, माँस और ताजी सब्जियों के ऑर्डर भी दिए गए ताकि पाकिस्तानी जासूसों को लगे कि वहाँ कोई बड़ा भारतीय नौसेनिक बेड़ा मौजूद है। पाकिस्तान इस झाँसे में आ गया और उसका सबसे खतरनाक सबमरीन गाजी नष्ट हो गया।

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