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मुख्तार अंसारी की जज से जेल में मनोरंजन के लिए टीवी और फिजियोथेरेपी के लिए डॉ की डिमांड, लगाया सौतेले व्यवहार का आरोप

बाँदा/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बाँदा जेल में बंद बसपा के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की सोमवार (28 जून 2021) को एंबुलेंस मामले में बाराबंकी की सीजेएम (CJM) कोर्ट में दूसरी वर्चुअल पेशी हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान अंसारी ने नियमों का हवाला देते हुए अदालत से दो माँग की। पहली उसे डॉक्टरों की सलाह पर फिजियोथेरेपी कराने और दूसरी बैरक में मनोरंजन के लिए टेलीविजन लगाने की सुविधा दी जाए।

कोर्ट में मुख्तार अंसारी ने कहा, ”पूरे उत्तर प्रदेश में बंद कैदियों के मनोरंजन के लिए बैरकों में टेलीविजन की सुविधाएँ दी गई हैं। मेरे बैरक में भी टेलीविजन लगवा दें। मुझे बाँदा जेल प्रशासन तन्हाई में रख रहा है। अगर आप आदेश करेंगे तो मुझे टीवी की सुविधा मिल जाएगी।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मऊ से बसपा के पूर्व विधायक ने राज्य सरकार पर उसके साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उसने सीजेएम कोर्ट से आगे कहा कि मेडिकल बोर्ड ने फिजियोथेरेपी की सलाह दी है। मुझे यह सुविधा भी यहाँ नहीं मिल रही है। डॉक्टरों की सलाह को भी बाँदा जेल प्रशासन मानने को तैयार नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश कुमार ने सोमवार को मुकदमे के विवेचना अधिकारी के नहीं आने पर अगली सुनवाई 5 जुलाई को रखी है।

गौरतलब है कि अप्रैल 2021 में भी यूपी की बाँदा जेल में बंद अंसारी ने डॉक्टरों को अपनी कई नई बीमारियों के बारे में बताया था। उसने कहा था कि उसे आँखों से धुँधला दिख रहा है। इस पर डॉक्टरों ने कहा था कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, सिर्फ चश्मा बदला जाना है। इससे दो दिन पहले उसने गले में दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद डॉक्टरों की एक टीम ने उनकी मेडिकल जाँच की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं है।

बता दें कि फर्जी एंबुलेंस मामले के अभियुक्त मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में पेशी के दौरान फर्जी पते और दस्तावेजों के आधार पर एंबुलेंस UP-41 AT-7171 प्राप्त की थी। इसको लेकर मुख्तार अंसारी समेत 10 लोगों पर धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाकर एंबुलेंस रजिस्टर्ड कराए जाने समेत एंबुलेंस से अवैध हथियारों की सप्लाई किए जाने के मामले में कई धाराओं में बाराबंकी नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था।

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