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लखनऊ में प्रियंका गाँधी से मिलने पहुँचे राजस्थान के बेरोजगारों को कॉन्ग्रेसियों ने मारा: किसी का सिर फोड़ा, किसी के कपड़े फाड़े

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं पर राजस्थान के बेरोजगार युवकों के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है। प्रियंका गाँधी उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेस की प्रभारी हैं। राजस्थान से बेरोजगार युवक उनसे मिलने के लिए लखनऊ आए थे, लेकिन कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोक दिया। प्रियंका गाँधी ने अपने यूपी दौरे में बेरोजगारों के दुःख-दर्द सुनने की बात की थी। शुक्रवार (16 जुलाई, 2021) को यूपी के कम्प्यूटर ग्रेजुएट्स और कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प हुई।

इस दौरान कई बेरोजगार युवक घायल भी हो गए। उनके साथ धक्का-मुक्की की गई और उन्हें पीटा भी गया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट कह दिया है कि सरकार चाहे किसी को हो, सभी लोगों को नौकरी कोई नहीं दे सकता। इससे युवक नाराज हैं। दिल्ली से जयपुर तक 100 से भी अधिक राजस्थान के बेरोजगार युवक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लखनऊ में प्रियंका गाँधी ने ‘बेरोजगार सम्मलेन’ आयोजित किया था, जिसमें ये पहुँचे थे।

राजस्थान के बाराँ स्थित छबड़ा से 6 बार के विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने इस घटना के बारे में बताते हुए कहा, “लखनऊ में प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी ऑफिस के बाहर प्रियंका गाँधी से मिलने के लिए पहले तो राजस्थान के बेरोजगार कंप्यूटर अभ्यर्थियों को दिन भर बिठा के रखा गया। रात को इन युवाओं के साथ कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा मारपीट की गई। प्रियंका जी जवाब दें कि राजस्थान के बेरोजगारों के ऐसा सलूक क्यों?”

भाजपा नेता प्रताप सिंह सिंघवी ने घायल युवकों की तस्वीरें शेयर करते हुए पूछा कि आखिर इन बेरोजगार युवाओं का क्या दोष था? उन्होंने प्रियंका गाँधी से कहा कि यह बस आपसे मिलना चाह रहे थे, क्योंकि लगा कि आप अगर यूपी में संविदा पर भर्ती के खिलाफ हैं तो राजस्थान में तो आपकी सरकार है तो आप मदद करेंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि इन्हें बेरहमी से मारा गया। बता दें कि यूपी में संविदा का विरोध करने वाली प्रियंका गाँधी राजस्थान पर चुप हैं।

ऐसे न जाने कितने बेरोजगार हैं, जिनके साथ राजस्थान में छल हुआ है। जयपुर के महेंद्र मिश्र ने साल 2013 में 33 वर्ष की उम्र में पुजारी व प्रबंधन बनने की परीक्षा दी थी, लेकिन ज्योतिषी में पीएचडी के बावजूद वो बेरोजगार हैं। 8 सालों से परीक्षा के परिणाम के इंतजार में लोग एडमिट कार्ड साथ लिए घूम रहे हैं। राजस्थान में एक लाख से ज्यादा पद खली होने के बावजूद सरकार भर्ती नहीं निकाल रही है।

सरकार बजट का बहाना बना रही है। पिछले कई वर्षों से लगातार परीक्षाएँ टलती ही जा रही हैं। टीचर भर्ती से लेकर पटवारी तक की परीक्षाएँ तीन-तीन बार टाली जा चुकी हैं। कई परीक्षाओं में पेपर ही आउट हो गया तो वो जाँच के तिलिस्म में लंबित हैं। प्रियंका गाँधी से जब युवा अपनी बात रखने पहुँचे तो किसी का सिर फोड़ दिया तो किसी के कपड़े फाड़ डाले गए। जिस अनुबंध वाली नौकरी का यूपी में प्रियंका विरोध करती हैं, वही राजस्थान में होता है तो वो चुप हैं।

यूपी वाले मुद्दे पर प्रियंका गाँधी ने कहा था, “संविदा = नौकरियों से सम्मान विदा। 5 साल की संविदा = युवा अपमान कानून। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पहले भी इस तरह के कानून पर अपनी तीखी टिप्पणी की है। इस सिस्टम को लाने का उद्देश्य क्या है? सरकार युवाओं के दर्द पर मरहम न लगाकर दर्द बढ़ाने की योजना ला रही है। नहीं चाहिए संविदा।” राजस्थान वाले मुद्दे पर उनका कोई ट्वीट नहीं आया है।

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