Saturday , November 23 2024

Tokyo Olympics: दीपिका ने तीरंदाजी संघ पर खड़े किए सवाल, बोलीं- मैं और अतनु पदक दिला सकते थे

टोक्यो ओलंपिक के तीरंदाजी इवेंट्स में भारतीय चुनौती समाप्त हो चुकी है. अतनु दास शनिवार को पुरुषों के व्यक्तिगत वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में जापान के ताकाहारू फुरूकावा से 4-6 से हार गए. इससे पहले शुक्रवार को वर्ल्ड नंबर-1 दीपिका कुमारी को भी क्वार्टर फाइनल में साउथ कोरिया के सान अन ने मात दे दी थी. वहीं, मिश्रित युगल में दीपिका और प्रवीण जाधव की चुनौती 24 जुलाई को ही समाप्त हो गई थी.

हालांकि टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत से पहले मिश्रित युगल में दीपिका कुमारी और अतनु दास को पदक जीतने का दावेदार बताया गया था. लेकिन टोक्यो में अतनु को मिश्रित युगल में दीपिका के साथ जोड़ी बनाने का मौका नहीं मिला, क्योंकि वह रैंकिंग दौर में प्रवीण जाधव से पीछे रहे. पहली बार ओलंपिक में हिस्सा रहे जाधव ने 31वां, जबकि अतनु ने 35वां स्थान हासिल किया था.

जिसके बाद भारतीय तीरंदाजी टीम प्रबंधन ने रैंकिंग के अनुसार चलने का फैसला किया और इस स्टार जोड़ी की एक महीने से भी कम समय पहले पेरिस विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने की उपलब्धि को नजरअंदाज कर दिया. जाधव और दीपिका ने पहली बार जोड़ी बनाई और उन्हें कोरिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा.

अब दीपिका कुमारी ने भारतीय तीरंदाजी संघ के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. दीपिका ने कहा, ‘संघ ने अतनु के अनुभव के ऊपर प्रवीण जाधव को तवज्जो देकर गलती की है. अतनु के साथ मेरा संयोजन और समन्वय भारत को मिश्रित टीम स्पर्धा में पदक दिला सकता था.’

उधर, अतनु ने भी तीरंदाजी संघ के इस फैसले पर हैरानी जताई थी. अतनु ने प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के बाद कहा था, ‘मुझे मिश्रित टीम में उसके साथ खेलने की उम्मीद थी, लेकिन दुर्भाग्य से यह संभव नहीं था. मुझे नहीं पता क्यों?’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन यह काफी संतोषजनक है (कि हम दोनों अंतिम 16 में पहुंच गए हैं). हम अपनी पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. देखते हैं क्या होता है.’

पिछले साल जून में शादी करने वाली अतनु और दीपिका की जोड़ी ओलंपिक खेलों में एक ही स्पर्धा में चुनौती पेश करने वाली पति-पत्नी की पहली भारतीय जोड़ी रही. मिक्स्ड डबल्स में जोड़ी टूटने के बाद दीपिका जिन हयेक और ताकाहारू फुरूकावा के खिलाफ मुकाबलों में अतनु की हौसलाअफजाई के लिए मौजूद थीं.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch