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3 दिन, 3 FIR: कर्नाटक में पदयात्रा के नाम पर उड़ी कोरोना नियमों की धज्जियाँ, अध्यक्ष समेत 63 कॉन्ग्रेसियों पर केस दर्ज

कर्नाटक में कॉन्ग्रेस द्वारा मेकेदातु परियोजना के लिए शुरू की गई पदयात्रा मामले में अब तक प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के ख़िलाफ़  3 FIR हो चुकी हैं। बुधवार (12 जनवरी 2022) की सुबह भी कोरोना गाइडलाइन्स की धज्जियाँ उड़ाने के लिए शिवकुमार समेत 63 कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मामले दर्ज हुए।

इससे पहले 11 जनवरी 2022 को कर्नाटक कॉन्ग्रेस डीके शिवकुमार पर दूसरा मामला दर्ज हुआ था। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, “डीके शिवकुमार और एमपी डीके सुरेश समेत 41 लोगों का (दूसरी) एफआईआर में नाम है जिन्होंने कोविड नियमों की धज्जियाँ उड़ाईं।” इससे पूर्व रविवार को इस संबंध में पहली एफआईआर दर्ज हुई थी। पहली एफआईआर में 30 लोगों के विरुद्ध केस हुआ था।

बता दें कि कॉन्ग्रेस के मनमाने रवैये को देखते हुए और शिवकुमार द्वारा कोविड चेक अप न कराने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने उन पर निशाना साधा। हालाँकि, शिवकुमार का कहना है कि राज्य सरकार उन्हें कोविड से इन्फेक्ट करना चाहती है। उन्होंने सोमवार को कहा था, “अतिरिक्त जिला आयुक्त मुझे टेस्ट करने के लिए आए थे। उन्हें भेजा गया था कि मुझे इन्फेक्ट करके टेस्ट में पॉजिटिव दिखाया जाए। सरकार चाहती है कि वो मुझे कोविड पॉजिटिव लोगों के संपर्क में लाए इसलिए उन्होंने अधिकारियों को भेजा था।” वह कहते हैं कि उन्हें कोविड करवाने का आइडिया मुख्यमंत्री का नहीं बल्कि स्वास्थ्य मंत्री का हो सकता है।

इससे पहले खबर आई थी कि शिवकुमार ने कोविड चेकअप कराने के लिए कहा है कि वो जेल चले जाएँगे लेकिन कोरोना टेस्ट के लिए स्वैब सैंपल नहीं देंगे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप मढ़ा था कि उनकी पदयात्रा से सत्ताधारी पार्टी की नाकामी उजागर होगी इसलिए कोविड केसों के नाम पर जनता को डराने और पदयात्रा को रोकने का काम हो रहा है। वह कहते हैं कि बीजेपी कर्फ्यू लगाकर राजनीति खेल रही है।

गौरतलब है कि रविवार (जनवरी 9, 2022) को पदयात्रा शुरू होने के बाद सोशल मीडिया में ऐसे वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें शिवकुमार खाँसते और चलते हुए ‘लड़खड़ाते’ नजर आ रहे थे। इस दौरान उनके आसपास कॉन्ग्रेस वर्करों को जमावड़ा भी दिख रहा था। यह सब तब हो रहा है जब कुछ दिन पहले ही चुनावी राज्यों में कोरोना का हवाला देकर कॉन्ग्रेस ने आयोजनों पर रोक लगाने की बात कही थी और लिबरलों ने इसे खूब सराहा था।

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