टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली इन दिनों बेहद खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं. इस बात को वह भी कई बार समझ चुके हैं कि फैन्स निराश हैं और अब उन्हें रन बनाने ही होंगे. ढाई साल से ज्यादा वक्त हो गया है, लेकिन कोहली के बल्ले से शतक नहीं आया. वह छह महीनों से एक इंटरनेशनल फिफ्टी भी नहीं लगा सके हैं.
41 दिन के आराम के बाद मैच खेलेंगे कोहली
इस बात का खुलासा खुद कोहली ने किया है. अब विराट कोहली एशिया कप से वापसी कर रहे हैं और वह 41 दिन के आराम के बाद सीधे पाकिस्तान से मैच खेलने के लिए मैदान में उतरेंगे. यह मैच रविवार (28 अगस्त) को खेला जाएगा. हालांकि यह भारतीय टीम के लिए एक बड़ा रिस्क भी हो सकता है. कोहली ने पिछला मैच 17 जुलाई को इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर वनडे खेला था. उस मैच में भी कोहली 22 बॉल खेलकर सिर्फ 17 रन ही बना सके थे.
‘दिमाग भी मुझसे ब्रेक लेने के लिए कह रहा था’
कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले स्टार स्पोर्ट्स से बात की. ब्रॉडकास्टर ने कोहली का यह वीडियो शेयर किया, जिसमें कोहली ने कहा, ’10 साल में पहली बार है, जब मैंने एक महीने तक अपने बैट को टच तक नहीं किया. मुझे यह अहसास हुआ कि मैं अपनी इंटेंसिटी को थोड़ा गलत समझ रहा था. मैं अपने आप को समझा रहा था कि आप में इंटेंसिटी है. मगर आपकी बॉडी आपसे रुकने के लिए कह रही थी. दिमाग भी मुझसे ब्रेक लेने और कदम पीछे खींचने के लिए कह रहा था.’
🔊 Sound 🔛#TeamIndia captain @ImRo45 & @imVkohli get into the groove ahead of the first clash against Pakistan.#AsiaCup2022 | #AsiaCup pic.twitter.com/GNd8imnmM3
— BCCI (@BCCI) August 25, 2022
पूर्व भारतीय कप्तान कोहली ने कहा, ‘मुझे हमेशा ही ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है, जो दिमागी तौर पर काफी मजबूत है. मैं ऐसा हूं, लेकिन हर किसी की एक लिमिट होती है और आपको उस लिमिट को पहचानने की जरूरत होती है. अन्यथा चीजें आपके लिए गलत हो सकती हैं. इस वक्त ने मुझे काफी कुछ सिखाया है, जिन्हें मैं समझ नहीं पा रहा था. यह चीजें जब आईं, तो मैंने उन्हें स्वीकार किया.’
मानसिक तौर पर कमजोर हुए थे विराट कोहली
कोहली ने यह भी स्वीकार किया कि वह मानसिक तौर पर भी थोड़े कमजोर हुए थे. उन्होंने कहा, ‘मुझे यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है कि मैं मानसिक तौर भी कमजोर हुआ था. यह बहुत ही सामान्य सी बात थी, जो मैंने महसूस की, लेकिन हम हिचकिटाहट के कारण बोलते नहीं हैं. हम मानसिक तौर पर कमजोर नहीं दिखना चाहते हैं. मेरा यकीन कीजिए, मजबूत होने का दिखावा करना कमजोर होने को स्वीकार करने से कहीं ज्यादा घातक है.’