Friday , May 3 2024

PFI का अब्दुल माजिद लखनऊ से धराया, ISIS से जुड़े दस्तावेज बरामद: यूपी के 86 व्हाट्सएप्प ग्रुप रडार पर, 2 साल में बदल गई कट्टरपंथियों की लाइफस्टाइल

लखनऊ। कट्टरपंथी इस्लामी संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI)’ के खिलाफ चल रही राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फ़ोर्स (STF) ने PFI से जुड़े मोहम्मद अब्दुल माजिद को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी लखनऊ से रविवार (25 सितम्बर, 2022) को हुई है। अब्दुल माज़िद PFI के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद का करीबी बताया जा रहा है। माज़िद NIA की छापेमारी के दौरान भाग निकला था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्दुल माज़िद लखनऊ के ही काकोरी क्षेत्र का रहने वाला है। NIA की छापेमारी से बच कर वो लखनऊ के ही गोमती नगर इलाके में छिपा हुआ था। STF ने उसकी तलाशी ली तो उसके पास से 3 मोबाइल फोन और PFI से जुड़े कागज़ात मिले हैं। माजिद डेढ़ साल पहले असामाजिक हरकतों के चलते उत्तर प्रदेश ATS द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जो फिलहाल जमानत पर चल रहा था। माजिद के पास ISIS से जुड़ा साहित्य भी बरामद हुआ है। पुलिस ने उस पर UAPA एक्ट के तहत कार्रवाई की है।

मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस को अभी लखनऊ के मदयगंज से गिरफ्तार मोहम्मद अहमद बेग के फरार चल रहे 3 साथियों की तलाश है। आरोपित मोहम्मद अहमद बेग विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है। उस पर PFI के लिए यूपी में फंडिग जुटाने का भी आरोप है। बेग के 3 फरार साथियों पर उसका पासपोर्ट बनवाने में मदद का आरोप है। बेग पर कई युवाओं का ब्रेनवाश करने और उन्हें देश विरोधी हरकतों में शामिल करने का आरोप है। फिलहाल STF अहमद बेग को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।

इस पूरे नेटवर्क को खंगालते हुए सुरक्षा एजेंसियों को सोशल मीडिया पर एक्टिव 250 ऐसे एकाउंट मिले हैं, जिन्हें संदिग्ध माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन ग्रुपों में चरमपंथ को ले कर बातें की गईं हैं और आपत्तिजनक मज़हबी सामग्री डाली गई है। अकेले पश्चिम UP के 86 व्हाट्सएप ग्रुप सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं। लखनऊ में PFI द्वारा फंडिंग जुटा कर आतंक की पाठशाला चलाने की बात भी सामने आई है।

बताया जा रहा है कि CAA के नाम पर हुई हिंसा के बाद इस पूरे रैकेट पर नजर रखी जा रही थी। कुल 108 लोगों को चिह्नित कर के उनके सम्पर्क के लगभग 500 संदिग्धों की हरकतें जाँची जा रही थीं। इसी दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भी मज़हबी तकरीरें और बहस करने वालों पर भी नजर रखी गई थी। जाँच के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे कई मामले दिखे जिसमें गाँव में रहने वाले कइयों की जीवन शैली बस 2 साल में ही बदल गई थी।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने टेरर फंडिंग और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ गुरुवार (22 सितंबर 2022) को 11 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के टॉप लोगों के घरों और दफ्तरों पर छापेमारी की थी। इस दौरान PFI के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमएस सलाम और इसी संगठन के दिल्ली अध्यक्ष परवेज अहमद को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया गया था।

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