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जब मुलायम सिंह यादव के भाषण के बाद बिजनौर में भड़के थे दंगे, राम मंदिर के लिए यात्रा निकाल रही हिन्दू महिलाएँ भी बनीं निशाना: 20+ मौतों का सरकारी आँकड़ा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने आज (10 अक्टूबर 2022) गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम साँस ली। उनके बेटे अखिलेश यादव ने ट्वीट कर उनके निधन के बारे में बताया। मुलायम सिंह के निधन के बाद लोग उनके भाषण और उनसे जुड़ी घटनाओं को याद कर रहे हैं। इस क्रम में उनका 1990 में बिजनौर में दिया गया भाषण भी चर्चा में है। इसके बाद बिजनौर में दंगा भड़क गया था। यहाँ कर्फ्यू लगा दिया गया। दंगे में 20 से अधिक लोगों ने अपनी जान गँवा दी थी। वाहनों को फूँक डाला गया। कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। एक सप्ताह से ज्यादा का कर्फ्यू लगा रहा।

लेखक दिव्य कुमार सोती ने सपा नेता के निधन पर ट्विटर पर लिखा, “नेताजी चमत्कारी भाषण देते थे। 30 अक्टूबर 1990 को बिजनौर में भाषण दिया। सीएम नेताजी का हेलीकाप्टर उड़ा और रैली से उत्साहित होकर लौटी समुदाय विशेष की भीड़ ने पूरे जिले पर हमला कर दिया। राम मंदिर को लेकर यात्रा निकाल रही महिलाएँ उठा ली गईं। सरकारी आँकड़ा 20 मौतों का है, वैसे 200 प्लस। नमन।” इसके साथ ही उन्होंने ”अमर उजाला में प्रकाशित बिजनौर दंगों की उस रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया है। यह रिपोर्ट अगस्त 2020 में प्रकाशित की गई थी।

दरअसल, 32 साल (9 अक्टूबर 1990) पहले बिजनौर के प्रदर्शनी मैदान में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की सभा का आयोजन किया गया था। मुलायम सिंह की सभा में ट्रकों के अलावा अन्य वाहनों में लदकर एक संप्रदाय के लोग आए थे। मुख्यमंत्री ने सभा के दौरान भाषण दिया था कि अयोध्या में उनके रहते परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। उन्होंने पूरी अयोध्या की किलेबंदी कर दी थी। उस वक्त राम मंदिर को लेकर पहले से ही माहौल गरम था। ऐसे में मुलायम के हेलीकॉप्टर से उड़ते ही बिजनौर में तनाव व्याप्त हो गया। सभा के बाद दोनों संप्रदाय के लोग कई जगहों पर आमने-सामने आ गए थे। सभा से लौटते हुए वहाँ जमकर पथराव हुआ। यह तनाव कई दिनों तक चलता रहा।

30 अक्टूबर 1990 को बड़ी तादाद में लोग बिजनौर के एक स्कूल में राम मंदिर आंदोलन के मुद्दे को लेकर इकट्ठा हुए थे। उसके बाद कलक्ट्रेट में ज्ञापन देने के लिए निकले थे। जैसे ही लोग बाजार में घुसे उन पर पथराव और गोलीबारी शुरू हो गई। बिजनौर में दंगा भड़क गया। बताया जाता है कि इसमें 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इस दंगे को याद करके आज भी लोग सिहर उठते हैं।

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