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‘क्या अंकित शर्मा की हत्या के बारे में जानते थे संजय सिंह, ताहिर हुसैन से फोन पर हो रही थी बात’: AAP सांसद से कपिल मिश्रा ने पूछे कठिन सवाल

नई दिल्ली। साल 2020 में दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगे हुए थे। इन दंगों में आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने गुरुवार (23 मार्च 2023) को AAP नेता ताहिर हुसैन समेत 11 लोगों के खिलाफ हत्या और साजिश रचने के आरोप तय किए हैं। इसके बाद BJP प्रवक्ता कपिल मिश्रा ने एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में उन्होंने दिल्ली दंगों के दौरान AAP नेता संजय सिंह की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।

ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय होने के बाद शुक्रवार (24 मार्च) को कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में उन्होंने कहा है, “अदालत के फैसले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे हिंदुओं को मार कर भगाने की साजिश के तहत रचे गए थे। ताहिर हुसैन और उमर खालिद जैसे लोग उस साजिश का हिस्सा थे।”

उन्होंने आगे कहा है, “ताहिर हुसैन के घर की छत पर बम, पेट्रोल गुलेल जैसी चीजें मिलीं थीं। इसके वीडियो भी मैंने शेयर किए थे। लेकिन तब देश के कई बड़े लोग ताहिर हुसैन को बचाने की कोशिश कर रहे थे। दिल्ली दंगों का दूसरा ही चेहरा दिखाने की कोशिश कर रहे थे। अब कोर्ट के फैसले के बाद सवाल यह उठता है कि जो लोग ताहिर हुसैन जैसे लोगों को बचा रहे थे, उनकी नियत क्या थी?”

कपिल मिश्रा ने आगे कहा है, “सबसे बड़ा सवाल आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह पर उठता है। संजय सिंह मीडिया के सामने आकर बार-बार कह रहे थे कि ताहिर हुसैन लगातार उनके संपर्क में था और फोन पर बात कर रहा था। इसका मतलब यह है कि जब ताहिर हुसैन के घर में आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या की जा रही थी, तब ताहिर हुसैन और संजय सिंह एक दूसरे से फोन पर बात कर रहे थे। अब सवाल यह है कि क्या संजय सिंह को अंकित शर्मा की हत्या के बारे में पता था? क्या संजय सिंह ने जानबूझकर इस पूरे अपराध पर पर्दा डालने के लिए मीडिया के सामने झूठे बयान दिए?”

कोर्ट ने ताहिर हुसैन के खिलाफ किए आरोप तय

बता दें कि दिल्ली दंगों के दौरान हिंदुओं को निशाना बनाकर की गई हिंसा के बाद अंकित शर्मा का शव दिल्ली के एक नाले से बरामद किया गया था। इस मामले में कोर्ट ने ताहिर हुसैन समेत 11 लोगों पर IPC की धारा 147, 148, 153 ए, 302, 365, 120 बी, 149 और 188 के तहत आरोप तय किए हैं। ताहिर हुसैन पर आईपीसी की धारा 104, 109 और 505 के तहत भी आरोप तय किए गए।

ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय करते हुए अदालत ने कहा है, “ताहिर हुसैन लगातार इस भीड़ की निगरानी करते हुए लोगों को उकसा रहा था। सब कुछ हिंदुओं को निशाना बनाने के उद्देश्य से किया गया। भीड़ में इकट्ठा हुआ हर व्यक्ति हिंदुओं को निशाना बनाना चाहता था।”

संजय सिंह ने किया था ताहिर हुसैन का बचाव

फरवरी 2020 में, AAP नेता संजय सिंह ने अपनी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन का बचाव करने के लिए मीडिया के सामने दावा किया था कि ताहिर हुसैन पुलिस को फोन कर रहा था। संजय सिंह ने एक बयान में दावा किया था, “ताहिर हुसैन पहले ही अपना बयान दे चुका है। इसमें उसने कहा है कि दंगों के दौरान उसने पुलिस से सुरक्षा माँगी थी। पुलिस आठ घंटे देरी से आई और उसके परिवार को उसके घर से बचाया।”

संजय सिंह ने ताहिर हुसैन का बचाव करते हुए पुलिस पर दंगे रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था, ”पुलिस ने कार्रवाई समय पर नहीं की, यह निश्चित रूप से एक गंभीर गलती है, देर क्यों हुई, किसकी वजह से हुई यह सब जाँच का विषय है।”

दिल्ली दंगों के दौरान संजय सिंह के संपर्क में था ताहिर हुसैन

AAP पूर्व पार्षद और दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों के आरोपित ताहिर हुसैन ने स्वीकार किया था कि वह फोन के पर संजय सिंह के साथ लगातार संपर्क में था। उसने बीबीसी हिंदी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, “दंगों के दौरान मैंने संजय सिंह से बात की थी। उन्होंने मुझे खुद को सुरक्षित रखने के लिए कहा था। संजय सिंह ने कहा था कि वह जल्द से जल्द मदद भेजने की कोशिश करेंगे। उन्होंने डीसीपी को तीन बार फोन किया… अगर संजय भाई इतने सक्रिय नहीं होते तो पुलिस यहाँ कभी नहीं आती।”

एक इंटरव्यू में ताहिर हुसैन ने यह भी स्वीकार किया था कि दंगों के दौरान उसने संजय सिंह से मदद माँगी थी। इससे पहले मिले दस्तावेजों में खुलासा हुआ था कि पीएफआई का दिल्ली प्रमुख लगातार AAP नेता संजय सिंह और कॉन्ग्रेस नेता उदित राज के संपर्क में था।

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