पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अगस्त में इस्तीफा देंगे। यह बात उन्होंने शुक्रवार रात राष्ट्र के नाम एक भाषण में कही। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता शहबाज ने कहा, “इस साल के अंत तक देश में आम चुनाव होंगे। मैं संवैधानिक नियमों के मुताबिक अगस्त में पद छोड़ दूंगा। मैं कार्यवाहक सरकार को सत्ता सौंप दूंगा।” पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को देखें तो यह शरीफ और उनकी सरकार के लिए यह कांटों भरे ताज पहनने जैसा है। पाकिस्तान की माली हालत पहले से ही खस्ता है और पड़ोसी मुल्क लगातार कर्ज में डूबा हुआ है।
संयोग से पाकिस्तान के संवैधानिक नियमों के अनुसार, ‘निष्पक्ष कार्यवाहक सरकार’ उस देश में आम चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है। अगले 14 अगस्त को पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है। शाहबाज ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल उस दिन समाप्त हो जाएगा। पाकिस्तानी मीडिया के एक वर्ग की रिपोर्ट है कि वह उस दिन राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को इस्तीफा देकर नेशनल असेंबली को भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं। शाहबाज ने शुक्रवार को कहा, ”देश चलाने की जो जिम्मेदारी हमें दी गई थी, उसे पूरा करने के लिए मैंने अथक प्रयास किया।”
अप्रैल 2022 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और कई सहयोगी दलों ने अपना समर्थन वापस ले लिया, और देश के सुप्रीम कोर्ट ने संसदीय चुनाव का आदेश दिया। नेशनल असेंबली के निचले सदन में हुए मतदान में इमरान के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल समेत कई पार्टियों के समर्थन से प्रधानमंत्री बने।
जब से शहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने हैं, वहां की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति काफी डावांडोल हुई है। पाकिस्तान लगातार आईएमएफ के सामने कर्ज का कटोरा लेकर खड़ा था। वहीं पड़ोसी मुल्क में आटा-चावल का दाम आसमान छू रहा है। ये आफत क्या कम थी कि पीटीआई नेता और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की कार्रवाई से देश में सियासी हलचल भी पैदा हो गई। ऐसे में शहबाज शरीफ के लिए दोनों तरफ बैलेंस करना काफी मुश्किलों भरा काम था।
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