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छत्तीसगढ़ में चाचा Vs भतीजे की लड़ाई! भूपेश बघेल के खिलाफ बीजेपी ने विजय बघेल को दिया टिकट

भूपेश बघेल और विजय बघेल पाटन सीट से आमने-सामने होंगेबीजेपी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसी साल होने वाली विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. छत्तीसगढ़ में 21 तो मध्य प्रदेश में 39 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है. वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस तो मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. बुधवार को हुई बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद ये लिस्ट जारी की गई है.

दरअसल, पाटन विधानसभा हमेशा से जिले में राजनीति का केंद्र बिंदु रहा है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के इस इलाके में प्रारंभ से ही राजनीतिक चेतना रही है, जिसका असर चुनाव में देखने को मिलता रहा है. यही वजह है कि यहां के मतदाताओं ने हमेशा अपने विवेक से मतदान किया और परिणाम में हरबार उलट फेर होते रहे हैं.

चौथी बार आमने-सामने होंगे चाचा-भतीजा

बता दें कि पिछले बार इस सीट से बीजेपी ने भूपेश बघेल के सामने मोती लाल साहू को मैदान में उतारा था. तब भूपेश बघेल ने 27000 से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी. यह चौथी बार है जब विजय बघेल अपने चाचा भूपेश बघेल के खिलाफ मैदान में होंगे. विजय सबसे पहले 2003 में एनसीपी के टिकट पर पाटन सीट से भूपेश बघेल से सामने चुनाव लड़े थे. तब वह हार गए थे. 2008 में विजय बघेल ने भूपेश बघेल को 7500 वोटों से हराया था. वहीं इसके बाद चाचा-भतीजे 2013 में भी आमने-सामने थे, लेकिन भतीजे को हार का सामना करना पड़ा था.

2013 के नतीजे 

कांग्रेस के भूपेश बघेल को 68185 वोट मिले थे.
बीजेपी के विजय बघेल को 58442 वोट मिले थे.

2008 के नतीजे 

बीजेपी के विजय बघेल को 59000 वोट मिले थे.
कांग्रेस के भूपेश बघेल को 51158 वोट मिले थे.

2003 के परिणाम 

कांग्रेस के भूपेश बघेल को 44217 वोट मिले थे.
एनसीपी के विजय बघेल को 37308 वोट मिले थे.

पार्टी के सबसे बड़े आदिवासी चेहरे की भी सीट बदली

वहीं बीजेपी ने पार्टी के सबसे बड़े आदिवासी चेहरे राम विचार नेताम की भी सीट बदल दी है. बलरामपुर की जगह इस बार उन्हें रामानुगनज सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. नेताम 30 साल से ज्यादा समय से राजनीति में हैं और वह 10 साल तक कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं. साथ ही एसटी मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे हैं. इनके अलावा पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के भांजे विक्रांत सिंह को खैरागढ़ से टिकट दिया है.

देखें किसे कहां से मिला टिकट-

2018 में छत्तीसगढ़ चुनाव में ऐसा था रिजल्ट

छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में अभी कुल 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीटें हैं. छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं. राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं. 2018 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था. राज्य की कुल 90 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 15 सीट पर ही जीत मिली थी. वहीं कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 68 विधानसभा सीटें जीतकर सरकार बनाई. अब बीजेपी के कई मुद्दों को लेकर तैयारी में जुटी है और जिन सीटों पर हार मिली, उसके कारणों का पता लगाकर आगे की रणनीति बना रही है.

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