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CVC की रिपोर्ट- CBI के 6841 केस कोर्ट में पेंडिंग:313 की सुनवाई 20 साल से जारी, 2 हजार केस को अदालत में 10 साल गुजरे

सेंट्रल विजिलेंस कमीशन, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत की गई जांच में एजेंसी के काम पर निगरानी रखता है।​​​​​ - Dainik Bhaskarनई दिल्ली। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने 2022 की एनुअल रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के जिन मामलों की जांच पूरी कर ली है, उनमें से 6841 मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं। इन पर अभी तक कोई फैसला नहीं आ सका है। इनमें से 313 मामले ऐसे हैं, जिन्हें कोर्ट में पहुंचे 20 साल से ज्यादा समय हो गया है। इसके अलावा 2039 केस ऐसे हैं जिन्हें 10 साल से ज्यादा और 20 साल से कम समय हो चुका है।

CVC की रिपोर्ट में बताया गया है कि 31 दिसंबर 2022 तक CBI के पास 692 केस पेंडिंग थे, जिनकी जांच केंद्रीय एजेंसी को करनी थी। इनमें से 42 केस ऐसे हैं, जिनकी जांच शुरू हुए 5 साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है, जबकि CBI को एक साल के भीतर जांच पूरी करनी होती है।

साल 2022 में CBI की केस डायरी

  • 2022 में कुल 946 केस दर्ज किए। इनमें से 829 रेगुलर केस थे और बाकी 117 प्राइमरी इन्क्वायरी केस थे।
  • 946 मामलों में से 107 संवैधानिक अदालतों के आदेश पर उठाए गए और 30 मामले राज्य सरकारों ने सौंपे थे।
  • रिश्वतखोरी के 163 केस ट्रैप किए, जबकि आय से ज्यादा संपत्ति रखने के 46 मामले दर्ज किए गए।
  • 2022 में CBI ने 905 मामलों की जांच पूरी की। इनमें से 819 रेगुलर और 86 प्राइमरी इन्क्वायरी वाले केस थे।
  • CBI के अधिकारियों के खिलाफ 71 केस चल रहे हैं, जिन पर अभी तक कोई फैसला नहीं आया है।
  • रिपोर्ट के मुताबिक CBI में कुल 7295 पोस्ट हैं, जिनमें से 5600 पर अधिकारी-कर्मचारियों की पोस्टिंग है, 1695 पद खाली हैं।

आयोग ने जांच में देरी के कारण भी गिनाए
CVC ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कुछ मामलों में जांच पूरी करने में देरी हुई है। देरी के कुछ कारणों में वर्कलोड, मैन पावर की कमी और दूर रहने वाले गवाहों का पता लगाने में लगने वाला समय जैसी बातें शामिल हैं।

11 अगस्त को जारी की एनुअल रिपोर्ट
CVC ने 11 अगस्त को एनुअल रिपोर्ट जारी की है। जिसमें सभी विभागों के खिलाफ मिली शिकायतों और उनके निवारण की जानकारी है। रिपोर्ट में लिखा है कि आयोग के पास भ्रष्टाचार की 1.15 लाख शिकायतें पहुंची थीं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा 46 हजार शिकायतें मिली थीं।

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