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चीन का नया कारनामा, AI के जरिए अमेरिकी चुनाव में लगा रहा सेंध! भारत भी निशाने पर

शी जिनपिंग (File Photo)दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से चीन बाज नहीं आ रहा है. अब चीन, अमेरिका के चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है. लंदन के इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक डायलॉग (ISD) ने आगामी अमेरिकी चुनावों में चीनी इंटरफेयर का दावा किया है. इस रिपोर्ट में एक ऑनलाइन चीनी प्रभाव वाले नेटवर्क का खुलासा किया गया है. इंडिया टुडे OSINT टीम ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) समर्थक अभियान में भाग लेने वाले अभिनेताओं का विश्लेषण किया. इसके लिए भारत से भी जुड़े पाए गए.

रिसर्चर्स ने ‘स्पैमोफ्लेज’ कहे जाने वाले इस अभियान को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) से जुड़ा होने का दावा किया. इसे एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सक्रिय देखा गया था. ISD रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन अभियान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया.

AI के जरिए बनाईं फोटोशॉप्ड तस्वीरें

रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया पर अमेरिका की छवि खराब करने की कोशिश की गई. उसे नशीली दवाओं के इस्तेमाल वाला देश, बढ़ती बेघरता और बंदूक हिंसा से ग्रस्त राष्ट्र के रूप में दिखाने की कोशिश की गई. AI का इस्तेमाल कर जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप की एक फोटोशॉप्ड तस्वीर तैयार की गई और इसका प्रचार-प्रसार कर हड़ताल जैसी रणनीतियों को बढ़ावा देने की कोशिश की गई.

सोशल मीडिया पोस्ट में इन मुद्दों का जिक्र

जिन AI जनरेटेड पोस्ट को सोशल मीडिया पर प्रचारित और प्रसारित किया गया, उनमें यह बताया गया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन पर अपने भाषण के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए नशीली दवाओं के उपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. इसमें नस्लीय भेदभाव जैसे मुद्दों पर भी बात की गई है. वहीं, राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों की उम्र के लिए उनकी आलोचना भी की गई है. इस पूरे अभियान का मकसद अमेरिकी मतदाताओं के बीच कलह पैदा करना है.

लोगों के बीच निराशा फैलाने की कोशिश

अमेरिका में एक्टिव देखे जाने से पहले इस तरह के चीनी अभियान को भारत के बारे में भी सामग्री पोस्ट करते हुए देखा गया था. इंडिया टुडे ने पुरानी पोस्टों की समीक्षा की तो संकेत मिला कि स्पैमोफ्लेज नेटवर्क से जुड़े अकाउंट्स ने भारत की आंतरिक घटनाओं पर लोगों के एक वर्ग के बीच निराशा फैलाने की कोशिश की. इसमें जी20 शिखर सम्मेलन और अग्निवीर विरोध प्रदर्शन से जुड़ी पोस्ट भी शामिल हैं. उदाहरण के तौर पर भारत में हुए G20 सम्मेलन के दौरान झुग्गियों के पास अस्थायी संरचना बनाने का मामला, अग्निवीर योजना के दौरान विरोध प्रदर्शन और यूएस-इजरायल-भारत-अरब I2U2 शिखर सम्मेलन जैसे भारत के अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों से संबंधित झूठी और बांटने वाली सामग्री फैलई गईं.

ट्रंप के लिए कभी-कभी पॉजिटिव अभियान

इस अभियान की पहचान 2017 में की गई, जो जनवरी 2024 तक राष्ट्रपति जो बिडेन और उनके रिपब्लिकन चैलेंजर डोनाल्ड ट्रम्प के बीच सीधी प्रतिस्पर्धा पर केंद्रित था. हालांकि, अभियान दोनों उम्मीदवारों को लक्षित करता है, लेकिन अधिकांश हमले अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को टारगेट करके किए गए. रिपोर्ट में बताया गया कि डोनाल्ड ट्रंप को टारगेट करते समय चीन कभी-कभी अस्पष्ट और कभी-कभी सकारात्मक दिखाई देता है.

फेसबुक से हटाए गए 7,704 खाते

अपनी 2023 की रिपोर्ट में मेटा प्लेटफॉर्म ने कहा कि उसने स्पामौफ्लेज से जुड़े 7,704 फेसबुक अकाउंट, 954 पेज, 15 ग्रुप और 15 इंस्टाग्राम अकाउंट हटाए. कंपनी ने उन्हें चीनी अभियान नेटवर्क के सबसे बड़े क्रॉस-प्लेटफॉर्म और गुप्त प्रभाव ऑपरेशन के हिस्से के पहचाना.

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