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बुलडोजर जस्टिस पर रोक, केजरीवाल को जमानत; 2024 में सुप्रीम कोर्ट के टॉप-10 फैसले

बुलडोजर जस्टिस पर रोक, केजरीवाल को जमानत; 2024 में सुप्रीम कोर्ट के टॉप-10 फैसलेसुप्रीम कोर्ट ने साल 2024 में कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए। देश की सर्वोच्च अदालत ने अरविंद केजरीवाल को बेल देने से लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की बहुचर्चित ‘बुलडोजर जस्टिस’ पर भी अपना फैसला सुनाया। ‘सुप्रीम कोर्ट ऑब्जर्वर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल कोर्ट ने कई अहम फैसले दिए, जिनका राजनीति, समाज और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

1. बिलकिस बानो केस: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को दी गई छूट को वापस ले लिया। बिलकिस याकूब राशूल बनाम भारत सरकार केस में सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की पीठ ने गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो के मामले में 11 दोषियों की रिहाई को लेकर दिए गए निर्णय को रद्द कर दिया। इन दोषियों पर 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बानो के परिवार के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या का आरोप था। कोर्ट ने इसे प्रशासनिक अधिकार के बावजूद न्यायिक समीक्षा योग्य माना और गुजरात सरकार के इस कदम को दोषियों की मदद करने वाला करार दिया।

6. चाइल्ड पोर्नोग्राफी रखने को दंडनीय अपराध बनाना: जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन एलायंस बनाम एस हरिश केस में सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि बच्चों से जुड़ी यौन उत्पीड़न और शोषण सामग्री (CSEAM) को रखना और इसे शेयर करना दंडनीय अपराध है। यह निर्णय सोशल मीडिया कंपनियों के लिए एक चुनौती बन गया है क्योंकि अब उन्हें ऐसे सामग्री को शीघ्र हटाने का आदेश दिया गया है।

7. नागरिकता अधिनियम की धारा 6A की वैधता (असम समझौता): इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने असम समझौते के तहत नागरिकता प्राप्त करने की शर्तों को बरकरार रखा और धारा 6A को संविधान के अनुकूल ठहराया। इस निर्णय ने असम की सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करते हुए कई शरणार्थियों के लिए नागरिकता का मार्ग प्रशस्त किया।

8. निजी संपत्ति को सामुदायिक संसाधन मानने का सवाल:कोर्ट ने यह निर्णय दिया कि निजी संपत्ति केवल तब सामुदायिक संसाधन मानी जा सकती है जब वह विशेष मानदंडों को पूरा करती हो, जैसे कि राष्ट्रीयकरण और अधिग्रहण।

9. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) का अल्पसंख्यक दर्जा:सुप्रीम कोर्ट ने 57 साल पुरानी एक प्रथा को पलटते हुए यह निर्णय दिया कि यदि कोई संस्थान अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा स्थापित किया गया था, तो उसे अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त हो सकता है, भले ही वह कानून द्वारा स्थापित हो।

10. बुलडोजर ऐक्शन को रोकने के दिशा-निर्देश: सुप्रीम कोर्ट ने अवैध रूप से किए गए बुलडोज़र विध्वंस पर कड़ी कार्रवाई की। कोर्ट ने नियमों के तहत विध्वंस के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें नोटिस देने और व्यक्तिगत सुनवाई की आवश्यकता शामिल थी।

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