फ़िल्म अभिनेता अनुराग कश्यप ने इंस्टाग्राम पर एक कमेंट में ब्राह्मणों के ऊपर पेशाब करने की बात कही थी, अब उन्होंने माफ़ी तो माँगी है लेकिन इस कथित माफ़ी के नाम पर भी अपने ही घृणा भरे एजेंडे को आगे बढ़ाया है। बता दें कि महाराष्ट्र के ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर बनी फिल्म ‘फुले’ की रिलीज में देरी को लेकर सेंसर बोर्ड पर भी वो बरसे थे। साथ ही फ़िल्म में हिन्दू धर्म के नकारात्मक चित्रण को लेकर विरोध का गुस्सा उन्होंने ब्राह्मणों पर भद्दी टिप्पणी करके निकाला था।
अनुराग कश्यप को एक यूजर ने लिखा था कि ब्राह्मण से तुम्हारी जितनी सुलगेगी, उतनी सुलगाएँगे। इसी कमेंट का रिप्लाई देते हुए उन्होंने एक पूरे समुदाय पर टिप्पणी कर डाली। बाद में उन्होंने उस कमेंट का स्क्रीनशॉट इंस्टाग्राम पर डालते हुए ब्राह्मणों पर सारा जीवन शास्त्रों के पीछे छिपने का आरोप लगाया और अलसी बताया। उन्होंने ब्राह्मणों के लिए ‘चू%या’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा कि ये लोग सारी ज़िंदगी दूसरों को नीचा दिखाकर ख़ुद को बड़ा बोलते हैं। अनुराग कश्यप को लोग इन टिप्पणियों के बाद सनकी बता रहे हैं।

अब आते हैं अनुराग कश्यप द्वारा इंस्टाग्राम पर लगाई गई उस स्टोरी पर, जिसे उनका ‘माफ़ीनामा’ बताया जा रहा है। उन्होंने लिखा कि ये उनका ‘माफ़ीनामा’ है, उस पोस्ट के लिए नहीं बल्कि उस एक पंक्ति के लिए जिसे संदर्भ के बिना लिया जा रहा है और घृणा का प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने इस कमेंट्स में एक बार फिर ब्राह्मणों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से ‘संस्कार के सरगना’ बताते हुए कहा कि किसी कमेंट के कारण उनके द्वारा किसी की बेटी को बलात्कार की धमकियाँ नहीं मिलनी चाहिए।
‘विक्टिम कार्ड’ खेलते हुए अनुराग कश्यप ने अपने परिवार और साथियों को धमकियाँ मिलने का बहाना बनाया। उन्होंने ऐलान किया, “कही हुई बात वापस नहीं ली जा सकती और मैं लूँगा भी नहीं, जो गाली देना है दो। मेरे परिवार ने न कुछ कहा है और न कहता है। इसीलिए, अगर मुझसे माफ़ी चाहिए तो ले लो। लेकिन, महिलाओं को बख़्श दो ब्राह्मण लोगों। इतना संस्कार तो शास्त्रों में भी है, सिर्फ़ मनुवाद में नहीं है। आप कौन से ब्राह्मण हो तय कर लो, बाकी मेरी तरफ से माफ़ी।”