Friday , May 9 2025

मीडिया में हुए खुलासे तो सामने आने लगे पीड़ितों के दर्द, लंबी-चौड़ी फेहरिस्त

जय शर्मा अनंत, जय कथा अनंता (पार्ट-1)

जय शर्मा

लखनऊ । खाद्य आयुक्त के पीएस जय शर्मा की कुछ खबरें क्या मीडिया में आयीं उनके द्बारा सताये गये पीड़ितों ने खुद आकर उनके उत्पीड़न की कहानियां परोसनी शुरू कर दी हैं। उनके छात्र जीवन से लेकर मोहल्ले तक की कहानियां का तो मानो अंबार लगा हुआ है। लेकिन जुगाड़ तंत्र के चलते उसने अधिकारियों पर ऐसा जादू कर रखा है कि मजाल जय शर्मा के विरुद्ध कोई आवाज उठा ले।
अगर कार्यालय के भीतर की बात की जाये तो जवाहर भवन स्थित कार्यालय में सीसीटीवी कैमरों की जो एक्सेस होती है वह वरिष्ठ अधिकारियों के हाथ में होती है लेकिन जय शर्मा ने इसकी एक्सेस का पासवर्ड अपने हाथ में ले रखा है जिसके चलते वह इस पर लगातार निगरानी करते हैं। जय शर्मा का अपने कार्यालय में इतनी सटीक नेटवर्क है कि उनके विरुद्ध दर्ज की गयी कोई भी शिकायत आज तक उनकी पत्रावली में भी स्थान नहीं पा सकी। इनकी कृपा के चलते इनके ही बेहद ‘खास’ सहयोगी प्रभात चंद्र श्रीवास्तव जो वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पद पर तैनात हैं। उनके पास तो इतने चार्ज है कि मानो खाद्य रसद विभाग में किसी और अधिकारी को जानकारी ही नहीं है। प्रभारी नाजिर, प्रभारी अधिष्ठान, प्रभारी विपणन शाखा, प्रभारी खरीद और प्रभारी राज्य खाद्य आयोग । इसे कृपा नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे खुद किसी आईएएस अधिकारी के पास इतने चार्ज नहीं होते चाहे वह मुख्यमंत्री को कितना भी करीबी क्यों न हो। लेकिन बात यहां जय शर्मा की है। इनके जय शर्मा का दाहिना हाथ माना जाता है। सूत्रों की मानें तो इनके कई अहम बिलों को नजारत से एडजस्ट किया जाता है। जिसकी पूरा लेखा-जोखा सरिता प्रवाह के पास उपलब्ध है। अधिष्ठान का मामला हो, खरीद का हो हर चीज जय शर्मा के इशारे पर नाचने वाले प्रभात श्रीवास्तव निपटा देते हैं। इसी के चलते आज तक जय शर्मा के विरुद्ध दर्ज कोई भी शिकायत पत्रावली में स्थाान नहीं पा सकी। क्योंकि अधिष्ठान प्रभारी प्रभात हैं। प्रभात का प्रभात तो साहब अजूबा ही है।
एक बार शिकायत पहुंची तो पूर्व आयुक्त मनीष चौहान ने प्रभात को नजारत से हटाया लेकिन उनके जाते ही फिर से प्रभात को नजारत का भी चार्ज मिल गया।
अकेले प्रभात ही जय शर्मा की गुड बुक में नहीं हैं। इनके ही टीम के एक और कारिंदे हैं शिखर टंडन। यह वही साहब हैं जो अभी कुछ दिन पहले कार्यालय परिसर में जुआ खेलते और शराव के जाम लगाने आदि के मामले में निलंबित किये गये हैं। अब शिखर निलंबित हुए तो उनका चार्ज प्रभात को यह कहकर दे दिया गया कि जब तक शिखर निंलबित हैं वही चार्ज संभालेंगे। यह भी तय है कि जैसे ही तीन महीने की तय अवधि खत्म होगी शिखर को बहाल किया जायेगा। और यह चार्ज वापस शिखर को मिल जायेगा, यह बिल्कुल तय है। क्योंकि इसकी पटकथा जय शर्मा लिख चुके हैं। सारी पत्रावली तैयार है बस तारीख का इंतजार हो रहा है कि तय तारीख आये और उनको बहाल कर दिया जाये। इसी महीने वह तारीख भी आ रही है। कहानी और भी हैं जो जल्द ही जारी होंगी।

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