लखनऊ। एटीएस के एएसपी राजेश साहनी की मौत मामले में एटीएस चीफ असीम अरुण ने डीजीपी को चिट्ठी लिखकर इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. राजेश साहनी की ख़ुदकुशी के बाद से उत्तर प्रदेश के पुलिस अफ़सरों में ठनी हुई है. योगी सरकार ने इस मामले की जांच लखनऊ के एडीजी राजीव कृष्ण को दी थी. पिछले ही हफ़्ते उन्होंने अपनी रिपोर्ट डीजीपी को सौंप दी. इस रिपोर्ट में उन्होंने एटीएस में काम काज को लेकर सवाल उठाए थे. राजेश साहनी ने 29 मई को ऑफ़िस में गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी.
जांच अधिकारी ने एटीएस की कार्यप्रणाली पर नकारात्मक टिप्पणी की- एटीएस चीफ़
एडीजी राजीव कृष्ण की इस रिपोर्ट के जवाब में एटीएस के चीफ़ और आईडी असीम अरूण ने डीजीपी को चिट्ठी लिख कर साहनी की मौत की जांच सीबीआई से कराने को कहा है. असीम अरूण ने कहा है, ‘’साहनी के मौत के बाद से एटीएस का मनोबल गिराने और मेरी छवि को चोट पहुंचाने की साजिश रची जा रही है. अपर पुलिस अधीक्षक अजय मिश्र की तरफ से तमाम गवाहों के बयान खुद जांच अधिकारी की अनुपस्थिति में लिए गए हैं. ऐसे में निष्पक्ष जांच की अपेक्षा नहीं की जा सकती.’’ उन्होंने कहा है, ‘’जांच अधिकारी ने मात्र एक कर्मी के बयान पर एटीएस की कार्यप्रणाली पर नकारात्मक टिप्पणी की जो कि आप की तरफ से उन्हें दी गई जांच का संदर्भ भी नहीं था.’’
इस प्रकरण में बड़ी मुश्किल रही है मेरी स्थिति- एटीएस चीफ़
असीम अरूण ने आगे कहा है, ‘’साहनी के फोन का वैज्ञानिक परीक्षण नहीं हुआ. महत्वपूर्ण गवाहों के बयान में विरोधाभास है लेकिन लाई डिटेक्टर टेस्ट नहीं किया गया.’’ उन्होंने कहा, ‘’मेरी स्थिति इस प्रकरण में बड़ी मुश्किल रही है. एक ओर मुझ पर तमाम आरोप लगते रहे, दूसरी ओर साहनी के परिवार के कल्याण की जिम्मेदारी भी मेरे ऊपर है.’’
असीम अरूण ने आगे कहा है, ‘’इस प्रकरण में शासन की पूर्व संस्तुति के अनुसार सीबीआई से ही जांच कराने की कृपा करें. केवल इसलिए नहीं कि इससे मेरे ऊपर लगे आरोप निष्क्रिय होंगे, बल्कि इसलिए की सत्यता में बड़ा बल है और हमें उसी राह पर चलना चाहिए.’’
एटीएस से तबादला चाहते थे राजेश साहनी- पत्नी
वहीं, राजेश साहनी की पत्नी सोनी साहनी ने कहा है, ‘’राजेश साहनी एटीएस से तबादला चाहते थे. पिछले कुछ दिनों से वह कुछ तनाव में थे. घर में भी गुमसुम रहते थे. बाहर जब हम साथ होते थे, तो वह खोये-खोये से रहते थे. बहुत पूछने पर इतना ही बताया था कि अब एटीएस में बहुत दिन रह गया. अब काम में मन नहीं लग रहा है.’’ सोनी साहनी ने ये भी बताया कि राजेश ने एटीएस से हटाए जाने के लिए डीजीपी ओपी सिंह से भी कहा था.
1997 बैच के पीपीएस अफसर थे राजेश साहनी
बिहार के पटना के रहने वाले राजेश साहनी की छवि एक बेहद ईमानदार और तेज तर्रार पुलिस अफसर की रही है. वे 1997 बैच के पीपीएस अफसर थे. कई ज़िलों में डीएसपी रह चुके राजेश यूपी के डीजीपी के पीए का काम भी देख चुके हैं. वे दो सालों तक केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए में भी तैनात थे.
ग्लास्को पिस्तौल से खुद को गोली मारी थी गोली
29 मई को एटीएस के एएसपी राजेश साहनी ने अपने ही ऑफिस में ग्लास्को पिस्तौल से खुद को गोली मार ली थी. उस वक्त दोपहर के बारह बज कर पैंतालीस मिनट हो रहे थे. राजेश ने अपने ड्राईवर मनोज को कह कर अपने घर से पिस्तौल मंगाई थी. उन्होंने दस दिनों की छुट्टी ले रखी थी.
पढ़ें, एटीएस चीफ़ की चिट्ठी