कोलकाता। सरकार जीएसटी स्लैब में कटौती कर सकती है. इसका संकेत वित्त मंत्रालय के प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने दिया है. उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) स्लैब को छूट की श्रेणी के साथ घटाकर 3 तक किया जा सकता है, ताकि देश का कर शासन सरल हो. उन्होंने कहा, “न्यूनतम दर 5 फीसदी होगी, मध्यम दर में 12 फीसदी और 18 फीसदी को मिलाकर 15 फीसदी की दर निर्धारित की जा सकती है, जबकि शीर्ष दर 25 फीसदी हो सकती है.” वर्तमान में जीएसटी स्लैब में 5, 12, 18 और 28 फीसदी की दरें हैं, साथ ही छूट वाली श्रेणी है जिस पर शून्य फीसदी जीएसटी लगाया जाता है.
कर प्रणाली इससे और सरल हो जाएगी
सान्याल ने कहा कि केंद्र प्रत्यक्ष कर संग्रह को और सरल बनाने पर विचार करेगा और कर राजस्व में अच्छी वृद्धि होती है तो दरों में कटौती करेगा. उन्होंने कहा, “कर प्रणाली के सरल होने पर ज्यादा से ज्यादा लोग कर चुकाते हैं. जीएसटी लागू करने के बाद कर संग्रहण बढ़ा है. अगर यह ऐसे ही बढ़ता रहा तो केंद्र सरकार कर की दरें और कम करेगी और कॉर्पोरेट कर दर को 25 फीसदी कर देगी.”
इससे पहले जीएसटी परिषद की 29वीं बैठक में बिहार सहित डेढ़ दर्जन राज्यों ने डिजिटल प्रोत्साहन पायलट योजना में शामिल करने पर सहमति जताई. सुशील मोदी की अगुवाई वाले मंत्री स्तरीय समूह ने ‘कैशबैक’ के माध्यम डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके तहत रूपे कार्ड और भीम एप के जरिये डिजिटल भुगतान करने वालों को कैश बैक की सुविधा उपलब्ध होगी.