बरेली। ससुर से हलाला का एक और मामला सामने आया है। ससुर से हलाला के बाद महिला गर्भवती हो गई और एक बच्चे को जन्म दिया। जिस शौहर ने महिला को हलाला के लिए मजबूर किया, वही अब उसे रखने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि उसे शक है कि बीवी से जो औलाद हुई है, वह उसके पिता की है। पीडि़ता ने बरेली पहुंचकर शरीयत की आड़ लेकर किए जा रहे खेल को पत्रकारों के सामने रखा। मुरादाबाद की पीडि़ता बरेली में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन फरहत नकवी के घर आई थी। उसने अपनी दास्तां सुनाने के बाद यह भी एलान किया कि वह डीएनए टेस्ट को भी तैयार है।
दोबारा निकाह के लिए हलाला
पीडि़त महिला की शादी संभल के एक ट्रांसपोर्टर से 30 सितंबर 2015 को हुई थी। आरोप है कि उसे दहेज के लिए प्रताडि़त किया गया और 24 दिसंबर 2015 को घर से निकाल दिया। इस पर वह मायके आ गई। शौहर ने तीन दिन बाद फोन पर तलाक दे दिया। इसके बाद दोबारा निकाह के लिए हलाला की शर्त सामने आई। फिर 24 दिसंबर 2016 को उसे झांसे में लेकर ससुर से ही उसका हलाला करा दिया गया। रात भर ससुर की दुल्हन बनकर रही। सुबह ससुर ने तलाक दे दिया। युवती के मुताबिक वह तीन महीना 10 दिन की इद्दत पूरी करने लगी। इद्दत के समय ही शौहर ने जबरन संबंध बनाए। वह गर्भवती हो गईं। इद्दत के बाद पांच अप्रैल 2017 को फिर पहले शौहर के साथ निकाह हुआ। महिला ने बताया कि शौहर को जब पता लगा कि वह गर्भवती है तो उसने गर्भपात का दबाव बनाया। दवा लाकर दी। इन्कार करने पर शौहर ने मारपीट की। क्योंकि वह बच्चे को अपना मानने के लिए तैयार नहीं है।
पंद्रह दिन कैद में रखा
युवती का आरोप है कि छह अक्टूबर 2017 को उसने मुझे 15 दिन के लिए कमरे में कैद कर दिया। तीन दिन बाद खाना भी नहीं दिया। किसी तरह पत्र लिखकर पुलिस तक भेजा। थाना नखासा पुलिस मुझे घर से छुड़वाकर ले गई। शौहर को भी थाने ले गई। पुलिस के सामने उसने कहा कि पांच दिन बाद वह ससुराल से विदा करा लेगा। इस बीच मुझे एक बेटा हुआ, वह दस महीने का है। पर आज तक उसने बेटे और मुझे पलटकर नहीं देखा। ससुर से हलाला और औलाद होने का मामला लेकर महिला सुप्रीम कोर्ट जाएगी। मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी ने बताया कि इस मामले को महिला आयोग के सामने भी रखा जाएगा।