टोक्यो। जापान के शहर हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराए जाने के 73 वर्ष पूरे होने पर सुबह एक घंटी बजाकर उस दिन को याद किया गया जब विश्व का पहला परमाणु हमला हुआ था. साथ ही शहर के मेयर ने आगाह किया कि विश्व भर में बढ़ता राष्ट्रवाद शांति के लिए खतरा बन चुका है. हिरोशिमा के पीस मेमोरियल पार्क के ऊपर आज आसमान उसी तरह साफ था जैसे छह अगस्त,1945 को था जब अमेरिकी बी-29 बमवर्षक ने बंदरगाह वाले इस शहर में सैन्य अड्डों को निशाना बनाते हुए घातक परमाणु बम गिराया था. इस हमले में 1,40,000 लोग मारे गए थे.
वार्षिक समारोह के लिए ग्राउंड जीरो के पास इस पार्क में खड़े होकर हिरोशिमा के मेयर कजुमी मात्सुई ने अपने वार्षिक संबोधन में एक ऐसे विश्व का आह्वान किया जो परमाणु रहित हो और बढ़ते राष्ट्रवाद के खतरे को लेकर भी आगाह किया. किसी खास देश का नाम लिए बगैर उन्होंने चेताया कि, “कुछ देश स्पष्ट तौर पर स्व-केंद्रित राष्ट्रवाद को अभिव्यक्त कर रहे हैं और अपने परमाणु जखीरे का आधुनिकीकरण कर रहे हैं. ”
उन्होंने कहा, “वे फिर से वही तनाव पैदा कर रहे हैं जो शीतयुद्ध के खत्म होने के बाद शान्त हो गए थे. ” उन्होंने ऐसे वक्त में परमाणु हथियारों को खत्म करने की अपील की जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी परमाणु शस्त्रागार को बढ़ाने का प्रण लिया है. प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस मौके पर कहा कि जापान का उत्तरदायित्व परमाणु संपन्न और परामणु शस्त्र रहित राष्ट्रों के बीच के अंतर को पाटना है.
आबे की सरकार ने परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध को लेकर संयुक्त राष्ट्र के समझौते में हिस्सा नहीं लेने का फैसला लिया था. गौरतलब है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के अंत में अमेरिका ने जापान पर दो परमाणु हमले किए थे – पहला हिरोशिमा में और दूसरा नागासाकी में. इन विस्फोटों में हिरोशिमा में 1,40,000 और नागासाकी में 74,000 लोग मारे गए थे.