नई दिल्ली। करुणानिधि दुनिया के उन चंद वयोवृद्ध राजनेताओं में शामिल थे जिन्होंने जीवन के 90 से ज्यादा वसंत देखने के बाद राजनीति में सक्रियता बनाए रखी और अंतिम समय तक अपने काम में लगे रहे.
करुणानिधि का जन्म 3 जून 1924 को हुआ था. जून महीने ही उन्होंने अपना 94वां जन्मदिवस मनाया. 33 साल की उम्र में 1957 में वह पहली बार विधानसभा पहुंचे. इसके बाद वह रुके नहीं और आगे ही बढ़ते गए. 1969 में सीएन अन्नादुरै की मौत के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बने. वह 1969 में राज्य के तीसरे और पहली बार मुख्यमंत्री बने.
वह तमिलनाडु में 5 बार (1969–71, 1971–76, 1989–91, 1996–2001 और 2006–2011) मुख्यमंत्री भी रहे. वह अंतिम सांस तक विधायक रहे और 2016 में थिरुवरुर से वर्तमान मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को हराकर 13वीं बार विधानसभा सदन पहुंचे थे.
शतक के बेहद करीब पहुंचने के बावजूद राजनीति में सक्रिय करुणानिधि की याददाश्त अभी तक बरकरार रही और पार्टी से जुड़े हर फैसलों पर उनकी नजर रहती थी. करुणानिधि की तरह देश की वर्तमान राजनीति में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीआई एम के नेता 94 वर्षीय वीएस अच्युतानंदन (20 अक्टूबर, 1923) भी इन दिनों सक्रिय है. वह करीब 80 साल से राजनीति में सक्रिय हैं और 2006 से 2011 तक राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी इस समय 90 साल के हैं और पिछले साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे. वह 4 बार इस पद पर रहे. इनके अलावा लालकृष्ण आडवाणी भी ऐसे नेता हैं जो 90 के पार हैं और राजनीति में सक्रिय हैं. वर्तमान में वह गुजरात में गांधीनगर से सांसद हैं और सक्रिय हैं.