नई दिल्ली। लोकसभा के पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी का निधन हो गया है. वह किडनी की बीमारी के चलते कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. उनकी उम्र 89 साल थी. सोमनाथ चटर्जी का भारतीय राजनीति में काफी नाम रहा है, लेकिन उनकी जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया जब उनकी ही पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. आइए जानते हैं क्यों सीपीआई(एम) ने उन्हें बाहर किया…
सोमनाथ चटर्जी 2004 से 2009 तक लोकसभा के स्पीकर थे. वे 40 साल तक (1968 से) सीपीआई(एम) के सदस्य थे और 10 बार संसद में पार्टी और जनता का प्रतिनिधित्व किया था. सोमनाथ चटर्जी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून में मास्टर डिग्री ली थी. अपनी जिंदगी में उन्होंने सिर्फ एक बार चुनाव में हार का सामना किया था. यह साल 1984 की बात है, तब ममता बनर्जी ने उन्हें हराया था. 2008 में सीपीआई(एम) ने उन्हें बाहर निकाल दिया था. इससे पहले सोमनाथ ने पार्टी की ओर से कहे जाने के बाद भी लोकसभा स्पीकर पद छोड़ने से इनकार कर दिया था.
2008 में ही लेफ्ट पार्टियों ने अमेरिका से परमाणु समझौते के मुद्दे पर यूपीए सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद सोमनाथ को स्पीकर पद छोड़ने को कहा गया था. सोमनाथ के इनकार पर सीपीएम ने उन्हें पार्टी से ही बाहर कर दिया.