कानपुर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाने और वहां के सेना प्रमुख को गले लगाने के मामले में पंजाब के कैबनिटे मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू बुरी तरह फंस गए हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर के बाद अब उत्तर प्रदेश के कानपुर की एक अदालत ने सिद्धू के खिलाफ देशद्रोह के आरोप वाली याचिका को मंजूर कर लिया है.
अब मामले की सुनवाई 27 अगस्त को होगी. इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि दुश्मन देश के सेना प्रमुख से गले मिलना देशद्रोह है. एडवोकेट प्रियांशु सक्सेना ने एमएम-7 कोर्ट में मामला दर्ज कराते हुए कहा कि सिद्धू का दुश्मन देश जाकर वहां के सेना प्रमुख से गले मिलना देशद्रोह की श्रेणी में आता है. लिहाजा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
इस पर कोर्ट ने अर्ज़ी को मंजूर करते हुए वादी के बयान के लिए 27 अगस्त की तारीख मुकर्रर कर दी. सक्सेना ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू पकिस्तान गए थे और वहां आर्मी चीफ के गले मिलकर शत्रु के प्रति प्रेम दिखाया. उन्होंने कहा, ‘मामले में मेरे पास जो भी साक्ष्य है, उसको मैं कोर्ट में प्रस्तुत करूंगा.’
वहीं, पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का खुलकर बचाव किया है. उन्होंने सिद्धू को शांति का दूत बताते हुए उनकी आलोचना करने वालों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सिद्धू के पाकिस्तान आने पर उनकी आलोचना करने वाले शांति के पक्ष में नही हैं. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए. इमरान खान ने पाकिस्तान आने पर सिद्धू का शुक्रिया भी अदा किया.
बता दें कि इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने और पाकिस्तानी सेना प्रमुख से गले मिलने को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू तीखी आलोचना का सामना कर रहे हैं. उनके खिलाफ अब तक देशद्रोह के दो केस भी दर्ज हो चुके हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने मंत्री सिद्धू पर निशाना साध चुके हैं. सिद्धू ने पाकिस्तान जाने को लेकर सफाई भी दी है, लेकिन फिर भी बीजेपी समेत अन्य पार्टियां उन पर निशाना साध रही हैं. इस दौरे को लेकर पार्टी के अंदर भी उनकी आलोचना हो रही है. इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सिद्धू को शांतिदूत करार दिया है.