नई दिल्ली। अगले लोकसभा चुनाव के लिए करीब 8 महीने बचे हैं, लेकिन कांग्रेस अभी से पूरी तैयारी में जुट गई है. पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का गठन किया था और अब उसने लोकसभा चुनाव के लिए कोर ग्रुप कमिटी का ऐलान कर दिया है.
सीडब्ल्यूसी और कोर ग्रुप कमिटी (सीजीसी) की तुलना की जाए तो साफ होता है कि 48 वर्षीय पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ओर सीडब्ल्यूसी में युवा जोश के साथ अनुभव को भरपूर जगह दी थी, लेकिन अगले आम चुनाव के लिए गठित की गई कोर ग्रुप कमिटी में युवा जोश की तुलना में अनुभव को खास तरजीह दी है.
9 में से 6 नेता सीडब्ल्यूसी में भी
लोकसभा चुनाव के लिए गठित कोर ग्रुप कमिटी में 9 दिग्गज नेताओं को रखा गया है. इन 9 लोगों में से 6 वो लोग हैं जो 23 सदस्यीय सीडब्ल्यूसी में भी शामिल हैं. सीडब्ल्यूसी से इतर इस ग्रुप में 3 अलग लोगों को शामिल किया गया है. ये 3 नए लोग हैं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला.
कोर ग्रुप कमिटी और सीडब्ल्यूसी दोनों में शामिल शेष 6 दिग्गज नेता हैं एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खडगे, अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल.
जिस तरह से सीडब्ल्यूसी में सिर्फ 2 मुस्लिम नेताओं को जगह दी गई थी उसी तर्ज पर सीजीसी में भी इन्हीं 2 मुस्लिम नेताओं पर भरोसा जताया गया है.
पिछले महीने जुलाई में गठित की गई 23 सदस्यीय सीडब्ल्यूसी में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी और ओमन चांडी शामिल हैं.
अहमद पटेल पर भरोसा बरकरार
इनके अलावा असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, कुमारी शैलजा, मुकुल वासनिक, अविनाश पांडे, केसी वेणुगोपाल, दीपक बाबरिया, ताम्रध्वज साहू, रघुवीर मीणा और गैखनगम के नाम भी कांग्रेस कार्य समिति में हैं.
राहुल गांधी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल को अपने नेतृत्व में खास जगह दी है. पटेल सीडब्ल्यूसी के अलावा इस कोर कमिटी में शामिल किए गए हैं. इससे जाहिर होता है कि राहुल का उन पर भरोसा कायम है.
7 नेता 60 के पार
कोर ग्रुप कमिटी पर नजर डाली जाए तो राहुल गांधी ने युवा की बजाए अनुभव पर ज्यादा भरोसा जताया है. रणदीप सुरजेवाला (51) और केसी वेणुगोपाल (55) को छोड़ दिया जाए तो कमिटी में शामिल अन्य नेता की उम्र या तो 70 के करीब है या फिर उसके पार है.
कमिटी में शामिल पूर्व रक्षा मंत्री एक एंटनी सबसे बुजुर्ग नेता हैं जिनकी उम्र 77 साल है. इसके अलावा मल्लिकार्जुन खडगे (76) और पी चिदंबरम (72) दो अन्य 70 पार नेता हैं.
जबकि गुलाम नबी आजाद (69), अहमद पटेल (69) और अशोक गहलोत (67) भी 70 के करीब हैं. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री 64 वर्षीय जयराम रमेश कमिटी में शामिल तीसरे सबसे कम उम्र के नेता हैं.
कोर ग्रुप कमिटी के अलावा कांग्रेस ने मेनिफेस्टो कमिटी का भी ऐलान किया जिसमें दिग्गज नेताओं पी चिदंबरम, शशि थरूर, सैम पित्रौदा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद के अलावा मनप्रीत बादल, सुष्मिता सेन, प्रोफेसर राजीव गौड़ा, बिंदु कृष्णन, शैलेजा कुमारी, रघुवीर मीणा, प्रोफेसर बालचंद्र, मीनाक्षी नटराजन, रजनी पाटिल, सचिन राव, तमद्रवाज साहू, मुकुल संगमा और ललितेश पति त्रिपाठी शामिल किए गए हैं.
इसके अलावा प्रचार समिति का गठन किया गया है जिसमें रणदीप सुरजेवाला, राजीव शुक्ला, प्रमोद तिवारी, मनीष तिवारी के अलावा भक्त चरण दास, प्रवीण चक्रवर्ती, मिलिंद देवड़ा, पवन खेड़ा, केतकर कुमार, वीडी सतीशन, आनंद शर्मा, जयवीर शेरगिल, दिव्या स्पंदना शामिल हैं.
चुनाव के लिए गठित की गई कोर ग्रप कमिटी में बुजुर्ग नेताओं की भरमार है, तो ऐसे में जब कांग्रेस अगले साल आम चुनाव में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी का सामना करने अपने बुजुर्ग सिपहसालारों के साथ उतरेगी तो देखना दिलचस्प होगा कि बुजुर्ग कंधों के भरोसे कांग्रेस मोदी-शाह की आक्रामक जोड़ी का सामना किस तरह करेगी और पार्टी अंततः कहां पर जाकर टिकती है.