लखनऊ। समाजवादी पार्टी (एसपी) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर जनता के जेहन में नकारात्मक विचार पहुंचाकर उनके दिमाग से खेलने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि नयी साजिशें रच रही इस पार्टी के गुमराह करने के बदलते तरीके को समझना बहुत जरूरी है। अखिलेश ने लखनऊ स्थित अपने पार्टी राज्य मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं से कहा कि बीजेपी महज सियासी फायदे के लिये जनता के मन में नकारात्मक विचारों को बैठा रही है। चारों तरफ फैले भ्रष्टाचार और किसानों की बदहाली से निराश जनता का ध्यान भटकाने के लिये बीजेपी नयी साजिशें रच रही हैं।
उन्होंने कहा कि इस पार्टी का गुमराह करने का तरीका भी बदल रहा है। यह बात समझना जरूरी है ताकि बीजेपी फिर भ्रम पैदा न कर सके। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी सरकार जातिवाद का जहर घोल रही है। समाजवादी लोग चाहते हैं कि जनगणना जाति आधारित हो तो आबादी के हिसाब से योजनाओं का लाभकारी आवंटन हो सकता है। सामाजिक न्याय की लड़ाई बड़ी है। समाजवादी ही इस लड़ाई को लड़ सकते हैं।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार ने जनता को नाउम्मीद कर दिया है। बढ़ते अपराधों ने अवाम का सुख-चैन छीन लिया है। लोग मंहगाई और बेकारी से त्रस्त हैं। उन्हें अब अच्छे दिन आने की कतई उम्मीद नहीं रह गई है। बीजेपी के झूठे वादों की सच्चाई लोग जान गए हैं। अब सबकी उम्मीद सन् 2019 के लोकसभा चुनाव से ही बंधी है, जब वे भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे।
बता दें कि अखिलेश यादव ने बुधवार को ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश में भगवान विष्णु के नाम पर एक विशाल नगर विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर में कंबोडिया के अंगकोरवाट मंदिर की तर्ज पर एक भव्य मंदिर बनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पिछले सप्ताह राम मंदिर का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि अयोध्या में मंदिर के निर्माण के लिए विधायी रास्ता अपनाया जा सकता है। इसके बाद यादव ने यह बयान दिया है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा, ‘हम लायन सफारी (इटावा) के निकट 2,000 एकड़ में भगवान विष्णु के नाम पर एक शहर विकसित करेंगे। हमारे पास चंबल के बीहड़ में अधिक जमीन है और हम वहां अंगकोरवाट मंदिर की तर्ज पर भव्य एवं विष्णु मंदिर बनाएंगे।’
इससे पहले मौर्य ने कहा था कि जरूरत पड़ने पर राम मंदिर के निर्माण के लिए संसद में विधेयक लाया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि कोई अन्य विकल्प शेष नहीं रहने पर यह रास्ता अपनाया जा सकता है और संसद के दोनों सदनों में उनकी पार्टी के पास पर्याप्त संख्या बल है।