नई दिल्ली। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले की रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के पटना हाई कोर्ट के आदेश की आज निंदा की। गिल्ड ने उच्च हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और भारत के प्रधान न्यायाधीश से फैसले की समीक्षा करने की अपील की।
एक बयान में मीडिया निकाय ने कहा कि जन महत्व के मामले की रिपोर्टिंग पर इस तरह का रोक लगाना ठीक नहीं है। यह मीडिया और समाज के प्रतिकूल होगा। साथ ही गिल्ड ने मीडिया पर इस तरह का रोक लगाने की अदालतों की बढ़ती हालिया प्रवृत्ति की निंदा करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के स्तंभों में से एक को कमजोर करता है।
बयान में कहा गया है कि गिल्ड इस बात से परेशान है कि मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा करने की बजाय कोर्ट ने ऐसा आदेश जारी किया है, जो इसपर अंकुश लगाता है। बयान में कहा गया है, ‘वह भारत के चीफ जस्टिस और पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से रोक लगाने वाले आदेश की समीक्षा करने और स्वतंत्र मीडिया एवं लोकतंत्र के सिद्धांतों को बरकरार रखने की अपील करता है।’
गिल्ड ने मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह और जस्टिस रवि रंजन के 23 अगस्त के मौखिक आदेश पर भी गौर किया, जिसमें कहा गया था कि जब तक आश्रय गृह मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती है तब तक सभी प्रिंट्स और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर मामले के संबंध में और खासतौर पर पहले ही शुरू हो चुकी जांच या आगे होने वाली जांच के बारे में रिपोर्टिंग करने पर रोक लगाई जाती है। पीठ ने दावा किया था कि रिपोर्टिंग से मामले की जांच गंभीर रूप से बाधित हो सकती है।