नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित हमले के मामले में दायर चार्जशीट की जानकारी मीडिया के साथ साझा करने से पुलिस को रोकने की मांग करने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप विधायकों के अनुरोध को शनिवार को खारिज कर दिया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने अनुरोध खारिज कर दिया और चार्जशीट पर संज्ञान लेने तथा मामले में केजरीवाल एवं सिसोदिया को आरोपी के तौर पर सम्मन करने पर फैसला करने के लिए 18 सितंबर की तारीख तय की है.
अदालत ने कहा कि चार्जशीट पर गौर करने के लिए उसे समय की जरूरत है. आरोप पत्र में आप के 11 विधायकों का नाम है जिसमें अमानतुल्लाह खान, प्रकाश जरवाल, नितिन त्यागी, ऋतुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, प्रवीण कुमार और दिनेश मोहनिया शामिल हैं.
1300 पन्नों के आरोप पत्र में पुलिस ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल, सिसोदिया तथा अन्य ने मुख्य सचिव को जाने से मारने की धमकी देने या गंभीर चोटें पहुंचाने के लिए, उनके लोक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालने के लिए आपराधिक साजिश रची थी. आरोप पत्र दायर होने बाद केजरीवाल और अन्य व्यक्तियों ने अदालत का रूख करके मांग की थी पुलिस को मीडिया से जानकारी साझा करने से रोका जाए. इस साल 19 फरवरी की रात केजरीवाल के सरकारी आवास पर एक बैठक के दौरान अंशु प्रकाश पर कथित रूप से हमला किया गया था.