नई दिल्ली। देश में एक साथ चुनाव कराने की चर्चा के बीच आज चुनाव आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. चुनाव आयोग ने इस बैठक में आने वाले विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की. बैठक के दौरान ईवीएम का मुद्दा कई राजनीतिक दलों ने उठाया.
कांग्रेस ने मांग करते हुए कहा कि चुनाव में करीब 30 फीसदी वीवीपैट का इस्तेमाल हो, जबकि AAP ने 20 फीसदी की मांग रखी. इसके अलावा कांग्रेस की मांग है कि स्क्रीन पर वोटिंग के बाद विजिबिलिटी बढ़ाई जाए.
कांग्रेस ने कहा कि चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए, हालांकि कई दलों ने कहा कि क्योंकि चुनाव में सिर्फ 6 महीने का वक्त बचा है इसलिए इसकी संभावना कम ही है. साफ है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस बैठक में अकेली पड़ती नज़र आई.
मीटिंग के मुद्दों में मतदाता सूची को ज़्यादा पारदर्शी, अचूक, उपयोगी और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के साथ ही राजनीतिक दलों के संगठन और चुनावी उम्मीदवारी में महिलाओं की नुमाइंदगी, भागीदारी और ज़्यादा अवसर देने के उपाय करना भी शामिल हैं.
कांग्रेस पार्टी इस बैठक में चुनाव आयोग को कई सुझाव दे सकती है. कांग्रेस की ओर से अपील की जा सकती है कि चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से होने चाहिए. कैराना में उपचुनाव के दौरान गर्मी से मशीनें खराब हुई थीं, ऐसा नहीं होना चाहिए.
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी इसको लेकर कई तरह की सलाह भी दे सकती है. मसलन, अधिक से अधिक वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाए. वहीं वोटिंग मशीन में वोट देने का वक़्त 7 की बजाय 10 सेकंड या और ज़्यादा होना चाहिए.
निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता के मुताबिक, मीटिंग में मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत सहित अन्य दोनों आयुक्त और आयोग का पूरा अमला मौजूद है.
चाणक्यपुरी के प्रवासी भारतीय भवन में चल रही मीटिंग में सभी सात राष्ट्रीय दलों के साथ 51 क्षेत्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों के नुमाइंदे भाग ले रहे हैं.
चुनाव आयोग के प्रवक्ता के मुताबिक प्रवासी भारतीयों, वोटिंग के रोज़ अपने क्षेत्र में अनुपस्थित मतदाता को मतदान का विकल्प देने के उपाय ढूंढने पर भी चर्चा होगी.
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी लगातार देश में एक देश-एक चुनाव कराने की वकालत करती आई है, हालांकि कांग्रेस ने इसका विरोध किया है. कांग्रेस की ओर से चुनाव आयोग में कहा गया है कि देश में एक साथ चुनाव कराना संघवाद के खिलाफ होगा.