इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी की बागपत जेल में तकरीबन डेढ़ महीने पहले फ़िल्मी अंदाज़ में मौत के घाट उतारे गए पूर्वांचल के माफिया डान मुन्ना बजरंगी मर्डर केस की अब तक की जांच रिपोर्ट तलब कर ली है. इतना ही नहीं अदालत ने इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए. अदालत ने यूपी सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते की मोहलत दी है.
मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह की अर्जी पर अदालत अब सत्रह सितम्बर को सुनवाई करेगी. अर्जी में यूपी की जांच एजेंसियों पर अविश्वास जताते हुए जेल में हुई हत्या को सियासी साजिश बताया गया है और मर्डर केस की जांच सीबीआई से कराए जाने की अपील की गई है. मामले की सुनवाई जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस डीके सिंह की डिवीजन बेंच में हुई.
गौरतलब है कि पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या इसी साल नौ जुलाई को बागपत जेल में कर दी गई थी. फ़िल्मी अंदाज़ में हुई इस हत्या को लेकर शुरू से ही सियासी एंगल तलाशे जा रहे थे. पत्नी सीमा सिंह ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर जो अर्जी दाखिल की है, उसमे कहा गया है कि यूपी सरकार की एजेंसियों की जांच पर उन्हें कतई भरोसा नहीं है. उन्हें यह भी शक है कि मर्डर केस में यूपी पुलिस व जेल के कुछ कर्मचारी भी शामिल रहे होंगे. ऐसे में जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप देना चाहिए.
सीमा सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद मुन्ना बजरंगी को झांसी से बागपत जेल शिफ्ट किये जाने को भी साजिश का हिस्सा बताया है. अर्जी में यूपी सरकार के साथ ही सीबीआई को भी पक्षकार बनाया गया है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए मर्डर केस की अब तक की जांच रिपोर्ट तलब कर ली है और यूपी सरकार से सीबीआई जांच के मामले में जवाब तलब कर लिया है.